राजस्थान: 'लेडी सिंघम' की शादी बन गई मिसाल, सब जगह हो रही सिर्फ इसी की चर्चा
Baran News, बारां। राजस्थान की लेडी सिंघम (Lady Singhm Marriage In Rajasthan) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा का विषय बनी है इनकी शादी। बेहद सादगी और बिना दहेज की यह शादी मिसाल बन गई है। हर कोई लेडी सिंघम के इस फैसले की जमकर सराहना कर रहा है।
झुंझुनूं कोर्ट में की शादी
हम बात कर रहे हैं आशा सिंह बारहठ की। आशा इन दिनों राजस्थान के बारां जिले में यातायात प्रभारी हैं और मूलरूप से झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले के गांव खरकड़ी की रहने वाली हैं। सोमवार को आशा सिंह (Baran TI Asha Singh Barahath) ने जोधपुर निवासी सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट मैनेजर कुंवर भैरोंसिंह के साथ कोर्ट मैरिज की। झुंझुनूं कलेक्टर रवि जैन ने नवदम्पती को शादी की बधाई दी।
ना बारात ना ही दहेज
एक माह पहले आशा सिंह की सगाई जोधपुर के भैरों सिंह के साथ हुई थी। उसी दौरान आशा सिंह व उसके परिजनों ने यह प्रस्ताव रखा था कि वे चाहते है कि शादी बिना दहेज और सादगी से हो, जिसे भैरों सिंह के परिजनों ने सहज स्वीकार कर लिया। सोमवार को हुई शादी में घर पर सामान्य तरीके से सात फेरों की रस्म निभाई गई। शादी में ना कोई बारात आई और ना ही दहेज दिया गया।
बारां में की यातायात व्यवस्था सुचारु
आशा सिंह के पिता प्रताप सिंह हनुमानगढ़ में ठेकेदार थे। तीन साल पूर्व उनका निधन हो गया। उसी समय आशा सिंह का राजस्थान पुलिस में सब इंसपेक्टर पद पर चयन हो गया। पहली पोस्टिंग बारां जिले में हुई। यहां आशा सिंह को यातायात प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। इस दौरान आशा ने यातायात सुचारु बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाए, जिसके इनकी छवि लेडी सिंघम की बन गई।
यहां जानिए आशा सिंह बारहठ को क्यों कहा जाता है लेडी सिंघम