खाते से पैसे निकलवाने के लिए ट्राई साइकिल पर बैठ 20 KM दूर बैंक आईं दिव्यांग को खाली हाथ लौटना पड़ा
बारां। लॉकडाउन के चलते लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सरकार की ओर से जनधन खाते में मुहैया करवाई जा रही धनराशि की लेटलतीफी के चलते भी लोग परेशान हैं। इसका ताजा मामला राजस्थान के बारां जिले में सामने आया, जहांं एक दिव्यांग महिला बैंक से रुपए निकलावाने की आस में ट्राई साइकिल पर सवार होकर बीस किलोमीटर दूर स्थित बैंक आई, मगर उसे निराश लौटना पड़ा है।
जनधन खाते के पैसे निकलवाने आई
हुआ यूं कि बारां जिले की शाहाबाद पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बिचि के बेहट गांव की दिव्यांग महिला दशरथी बाई सहरिया का बैंक खाता शाहाबाद स्थित एसबीआई में है। कई लोगों के जनधन खाते में पैसे जमा हो जाने पर वह भी अपने जनधन खाते से पैसे निकलवाने के लिए अपने पति व दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ लॉकडाउन के चलते साधनों के अभाव में ट्राई विकलांग साइकिल से लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय करके शाहबाद एसबीआई बैंक पहुंची।
चार घंटे में तय किया सफर
4 घंटे में बीस किमी का सफर पूरा करने के बाद बैंक पहुंचने पर पता चला कि उसके खाते में अभी सरकारी की ओर से कोई राशि जमा नहीं करवाई गई है। इसके बाद अपने पति व बच्चों के साथ वापस ट्राई साइकिल से घर के लिए रवाना हो गई। बता दें कि दिव्यांग दशरथी बाई के घर से बैंक तक का रास्ता घाटी की चढ़ाई वाला है। ऐसे में दशरथी व उसके परिवार को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
इधर, बीमार पति को रेहड़ी पर लेटाकर बैंक लाई महिला
प्रतापगढ़ जिले के अरनोद उपखंड के ओडिया का रूपलाल मीणा बीमारी के कारण लाचार है। चलने-फिरने में असमर्थ है। पैसे लेने बैंक या ई-मित्र सेंटर नहीं जा सकता, लेकिन पिछले दिनों घर में पैसे नहीं थे। काम चलाना मुश्किल हो रहा था। इस स्थिति में पत्नी ने साहस जुटाया और रूपलाल को एक ठेलागाड़ी में लेटाकर बरखेडी गांव स्थित ई-मित्र सेंटर पहुंची। इस बीच उसने चिलचिलाती धूप में करीब दो किलोमीटर ठेलागाड़ी को धक्का देकर चलाया। बैंक में पति का अंगूठा लगा तब रुपयों की निकासी हो सकी।
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