बलकेश मीणा : मनरेगा में काम कर रही रेसलिंग की नेशनल प्लेयर, 25 साल की उम्र में जीते 20 मेडल, VIDEO
झुंझुनूं। राजस्थान की 'दंगल गर्ल' बलकेश मीणा आर्थिक संकट से जूझ रही है। कभी नेशनल लेवल पर रिंग में पहलवानों को पटखनी देती नजर आने वाली यह बेटी इन दिनों महानरेगा में काम कर रही है। वन इंडिया हिंदी से बातचीत में बलकेश मीणा ने पहलवानी का शौक से लेकर लगभग दो दर्जन मेडल पाने और अब मजदूरी करने को मजबूर होने तक का पूरा सफर बयां किया है।
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कौन है बलकेश मीणा ?
रेसलर बलकेश मीणा राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खुडाना की रहने वाली हैं। पांच भाई-बहनों में से सबसे छोटी हैं। रामप्रसाद मीणा व मणि देवी के घर 15 नवम्बर 1995 को जन्मी बलकेश मीणा वर्तमान बगड़ के पिरामल कॉलेज से बीए फाइनल कर रही है।
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बलकेश मीणा के जिला व राज्य स्तरीय मैच
वर्ष 2011 -बगड़ में पहली बार जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। द्वितीय स्थान हासिल किया।
वर्ष
2012
-
चिड़ावा
में
खेलने
का
मौका
मिला।
इस
जिला
स्तरीय
प्रतियागिता
में
भी
सिल्वर
पदक
जीता।
वर्ष
2013
-पहली
बार
बतौर
स्टेट
खिलाड़ी
राजधानी
जयपुर
में
खेली
और
दूसरा
स्थान
पाया।
वर्ष
2014-2016-दो
साल
की
अवधि
में
जयपुर
में
तीन
बार
स्टेट
लेवल
की
प्रतियोगिता
में
हिस्सा
लेकर
स्वर्ण
पदक
जीते।
अमेरिकी वायुसेना में भर्ती हुए झुंझुनूं के भाई-बहन, सुवीर शेखावत व प्रज्ञा शेखावत की कामयाबी
बलकेश मीणा के राष्ट्रीय स्तरीय मैच
वर्ष 2014 -कोडरमा झारखंड
वर्ष
2015
-
रांची
झारखंड
वर्ष
2017
-
सिरसा
हरियाणा
वर्ष
2018
-
औरंगाबाद
आल
इंडिया
विवि
वर्ष
2019
-
अंडर
23
चित्तौड़गढ़
राजस्थान
अब तक जीते ये मेडल
बलकेश मीणा ने बताया कि वे 15 साल की उम्र से रेसलिंग कर रही हैं। विभिन्न प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। अब तक 5 स्वर्ण, 10 रजत और 5 कांस्य पदक जीत चुकी हैं। बगड़ स्थित अखाड़ा में बलकेश मीणा पहलवानी का प्रशिक्षण लेती हैं।
महानरेगा में क्या करती है बलकेश?
बता दें कि बलकेश मीणा महानरेगा में श्रमिक की बजाय बतौर मेट प्रतिदिन 235 रुपए की मजदूरी पर कार्यरत है, जिसकी जिम्मेदारी समस्त श्रमिकों के कार्य और मजदूरी का हिसाब-किताब रखना होता है। बीते दो माह से बलकेश मेट का काम कर रही है। फिलहाल खुडाना से बख्तवारपुरा की ओर जाने वाले रास्ते पर मनरेगा कार्य चल रहा है।
क्या चाहती है बलकेश मीणा ?
बलकेश मीणा कहती है कि उसका सपना है कि रेसलिंग में इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं से भारत के लिए 'सोना' आए। फिलहाल बलकेश को खेल कोटे से नौकरी की दरकार है। ताकि वह फिर आर्थिक चिंता छोड़कर अपनी तैयारी पर अधिक फोकस कर सके। बलकेश ने खेल कोटे से आईटीबीटी, रेलवे, राजस्थान पुलिस का फार्म भर रखा है।
बलकेश मीणा का परिवार
बता दें कि बलकेश मीणा झुंझुनूं के गांव खुडाना के सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता राम प्रसाद मीणा की वर्ष 2011 में मौत हो चुकी है। मां हाउस वाइफ हैं। बड़े भाई-बहनों की शादी हो चुकी है। भाई मैनपाल आर्मी है जबकि करणपाल घर पर ही रहता है। बहन सुभिता व विमलेश की शादी हो चुकी है।
आठवीं कक्षा से शुरू की पहलवानी
बलकेश मीणा बताती हैं कि जब में गांव के सरकारी स्कूल से आठवीं की पढ़ाई कर रही थी तब हमारे स्कूल में उम्मेद झाझड़िया पीटीआई थी। वे बहुत अच्छे पहलवान भी थे। उन्होंने मुझे भी पहलवान बनने के लिए प्रेरित किया। फिर बगड़ स्थित अपने अखाड़े में प्रशिक्षण भी दिया। नतीजा आज उन्हीं की बदौलत में रेसलिंग को बतौर कॅरियर चुन पाई हूं।
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