खाटूश्यामजी का 'खजाना' लूटने राजस्थान आए लाखों श्याम दीवाने, सबको 21 मार्च का बेसब्री से इंतजार
Khatu Fair 2019, खाटूश्यामजी (सीकर)। 10 मार्च से राजस्थान के सीकर जिले में खाटू का फाल्गुन लक्खी मेला (Falgun Mela 2019 Khatu Shyam ji) शुरू हो चुका है। दस दिन तक चलने वाले इस मेले में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। अब तक 15 लाख से अधिक श्याम दीवाने हारे के सहारे के बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। मुख्य मेला तक यह आंकड़ा 25 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।
खाटू श्याम फाल्गुन मेला में आने वाले अधिकाश श्याम भक्त ऐसे होते हैं, जो बाबा श्याम के दर्शन करने और अपनी मनौकामना पूरी करने की अरदास लगाने आते हैं। यही वजह है कि बाबा श्याम के इस फाल्गुन मेले में से ज्यादातार श्रद्धालु होली से पहले तक घरों को लौट जाते हैं, मगर ऐसे श्रद्धालुओं की भी कमी नहीं, जो यहां बाबा श्याम का 'खजाना' लूटने के लिए आते हैं।
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दरअसल, बाबा श्याम का 'खजाना' लूटना एक परम्परा है। इसमें होता यह है कि खाटूश्यामजी के वार्षिक लक्खी मेले में आने वाले लाखों भक्त बाबा श्याम के साथ धुलंडी को होली खेलकर लौटते हैं। इसलिए वे होली तक खाटू में रुकते हैं। इस बार धुलंडी 21 मार्च की है।
जानिए क्यों लूटते बाबा श्याम का खजाना
लक्खी मेले में आए श्याम भक्त धुलण्डी को खाटूधाम परिसर में बाबा श्याम संग गुलाल की होली खेलते हैं। इस मौके पर सभी श्याम भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इसी दौरान बाबा श्याम का खजाना (baba shyam ka Khajana Lootna) लूटा जाता है।
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मतलब श्याम मंदिर कमेटी की ओर से धुलण्डी को मेला समाप्ति के समय विशेष फूलडोल आरती की जाती है, जिसमें श्रद्घालुओं का प्रसाद के तौर खाटूश्यामजी के चढ़ावे में से सिक्के दिए जाते हैं, जिसे बाबा श्याम का खजाना लूटना कहा जाता है। इन सिक्कों को श्याम भक्त अपने गल्लों व तिजोरियों में रखते हैं ताकि बाबा श्याम की कृपा से व्यापार में वृद्धि हो। खास बात यह है कि खजाना लूटने के लिए रुकने वाले श्रद्घालुओं में बड़ी संख्या प्रवासियों की होती है।