राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार गिराने की साजिश!, SOG ने दर्ज की एफआईआर
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला फिर सुर्खियों में है। अब राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने इस मामले में 47 नंबर की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसओजी ने पिछले दिनों दो व्यक्तियों मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया था, जिसमें राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त कर अशोक गहलोत सरकार अस्थिर करने के प्रयास किए जाने की साजिश रचने की बातचीत सामने आई थी।
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दो लोगों की बातचीत से खुलासा
एसओजी के एडीजीपी अशोक कुमार राठौड़ ने बताया कि उन दो व्यक्तियों के बीच हुई बाचतीत के आधार पर कह सकते हैं कि यह राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की साजिश रची जा रही थी। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करना राजद्रोह का मामला है। एसओजी ने एफआई आर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसओजी ने उन फोन नंबरों के जरिए हुई बातचीत के आधार पर आईपीसी की धारा 124A और 120B के तहत एफआईआर दर्ज की है। माना जा रहा है कि विधायकों के खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब विधानसभा के मुख़्य सचेतक महेश जोशी के भी बयान दर्ज किए जाएंगे।
कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में साजिश
बता दें कि पिछले माह राजस्थान राज्यसभा चुनाव 2020 हुए थे। उनमें विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला उठा था। उस समय कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा के मुख़्य सचेतक महेश जोशी ने राजस्थान डीजीपी और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के डीजी का पत्र लिखकर शिकायत की थी। बाद में एसओजी को भी शिकायत की गई। महेश जोशी ने पत्र में कहा था कि विश्वस्त सूत्रों से मेरी जानकारी में आया है कि कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश की तर्ज पर में राजस्थान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी विधायक और जो निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार का सपोर्ट कर रहे हैं उन्हें खरीदने की कोशिश की जा रही है।
19 जून को तीन सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव
बता दें कि राजस्थान में 3 सीटों के 19 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने जीत दर्ज की थी। एक सीट पर भाजपा के राजेंद्र गहलोत जीते थे। राज्यसभा चुनाव 2020 के दौरान कांग्रेस और भाजपा दोनों में विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका था। ऐसे में दोनों ने ही राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले अपने-अपने विधायकों की होटलों में बाड़ाबंदी की थी। हालांकि, भाजपा ने गहलोत सरकार पर कटाक्ष करते हुए सत्ताधारी पार्टी पर हमला किया और इसे असुरक्षित बताते हुए कहा था कि कांग्रेस को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं था।
विधायकों को 20-25 करोड़ रुपए का लालच
मीडिया की खबरों के मुताबिक एसओजी की एफआईआर में कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों को 20 से 25 करोड़ का प्रलोभन देने की बात भी सामने आई है। वहीं, प्रदेश में नया मुख्यमंत्री बनाने की भी बात हुई है। फोन की बातचीत में जो बातें सामने आई हैं। उसमें कहा गया है कि ‘मुख्यमंत्री हमारा होगा और उप मुख्यमंत्री को केन्द्र में मंत्री बना दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के बारे में भी इन मोबाइल पर बात हुई है।
विधायक रमिला के बयान ने उलझाया
एसओजी की एफआईआर में विधायक रमिला खड़िया और महेंद्र सिंह जीत मालवीय का नाम भी है। इस पर कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने ये कहते हुए मामले को उलझा दिया है कि उनसे किसी ने भी संपर्क नहीं साधा था। विधायक ने कहा, 'मुझसे किसी भी भाजपा नेता ने संपर्क नही किया, यह सब गलत बातें सामने आ रही हैं, मेरे पति जन्मजात कांग्रेसी रहे, मेरे खून में कांग्रेस है और मैं कांग्रेस की ही रहूंगी, कभी पार्टी से गद्दारी नहीं करूंगी।'
यह गहलोत सरकार का ड्रामा-पूनिया
भाजपा पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस प्रकरण को महज गहलोत सरकार का ड्रामा करार दिया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपनी नाकामियां और कोरोना प्रबंधन में असफलता से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के पैंतरे अपना कर भाजपा पर लांछन लगाने काम कर रही है।
ध्यान भटकाने के लिए आरोप
पूनिया ने कहा कि एसओजी और एसीबी को इतना लंबा अर्सा हो गया जांच करते हुए लेकिन कुछ नहीं निकला, इधर उधर से नंबर ढूंढे। जांच का कोई आधार नहीं है। अगर आधार होता तो जांच इतनी देरी से शुरू नहीं होती। एक तरफ तो एसओजी एक तरफ तो नाम उजागर कर रही है दूसरी तरफ विधायक उसका खंडन कर रही है कि मुझसे न संपर्क किया और न प्रलोभन दिया। सरकार खुद अंतरविरोध और अंतरकलह से परेशान है और ध्यान भटकाने के लिए आरोप भाजपा पर लगा रही है।
राजस्थान
:
MLA
रामलाल
मीणा
को
फेसबुक
पर
गोली
मारने
की
धमकी,
मीणा
ने
FB
पर
ही
दिया
ये
जवाब