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अस्थियों को विसर्जन का इंतजार, कोरोना संकट के कारण मोक्षधाम में रखे हैं अस्थि कलश

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भीलवाड़ा। कोरोना महामारी के चलते लगे कर्फ्यू की वजह से उन सैकड़ों परिवारों के पूर्वजों की अस्थियां नदियों मे विसर्जन के लिए तरस रही हैं, जिनका कुछ समय पहले स्वर्गवास हो गया था। भीलवाड़ा प्रशासन ने लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर रखी है। वहीं, दूसरी ओर पंचमुखी श्मशान घाट के लॉकर भी अस्थियों से भर गए हैं। यहां अस्थ्यियां रखने में जगह की दिक्कत तक आ रही है।

रीति रिवाज पूरे करने में अड़चन आ रही

रीति रिवाज पूरे करने में अड़चन आ रही

वहीं, इस वजह से लोगों को अपने रीति रिवाज पूरे करने में अड़चन आ रही है। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। जरूरी कामों के लिए कर्फ्यू पास देख कर आने-जाने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन जिन लोगों के अपने परिजनों या जानकारों का कुछ समय पहले देहांत हो गया हो तो उन्हें अस्थियां गंगा समेत अन्य नदियों में विसर्जित करने में दिक्कत आ रही है।

Lockdown Effect : मृतकों की अस्थियों को मोक्ष का इंतजार, लोग नहीं जा पा रहे हरिद्वारLockdown Effect : मृतकों की अस्थियों को मोक्ष का इंतजार, लोग नहीं जा पा रहे हरिद्वार

अस्थियां मोक्षधाम में ही रखने को विवश

अस्थियां मोक्षधाम में ही रखने को विवश

पंचमुखी मोक्षधाम के प्रबंधक बाबूलाल जाजू ने बताया कि भीलवाड़ा शहर के 50 से ज्यादा ऐसे परिवार है, जिनके परिवारों में कुछ समय पहले देहांत हो गया था। मृतकों के परिवारिक सदस्य को प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण वह अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें अस्थियां मोक्षधाम में ही रखने को विवश होना पड़ रहा है। परिजनों ने घर के अंदर, मंदिर या श्मशान घाट में अस्थि कलश रख रखे हैं। लॉकडाउन के दौरान मरने वालों का जैसे-तैसे अंतिम संस्कार कर दिया गया, मगर मोक्ष के लिए अस्थि​यां विसर्जित नहीं कर पा रहे हैं। संबंधित धार्मिक जगहों पर नहीं जा पा रहे हैं।

मोक्ष रथ को सेनेटाइज किया

मोक्ष रथ को सेनेटाइज किया

अस्थियां घर में रखना भी गलत है, लेकिन मजबूरी है कि कोई साधन भी नहीं चल रहे है। इसलिए हरिद्वार जाकर अस्थियां गंगाजी में बहा नहीं पा रहे हैं। भोपालगंज में रहने वाले किशनलाल मानसिंहका की मां पार्वती देवी का निधन हो गया। यह प्राकृतिक मौत थी, लेकिन कोरोना और कर्फ्यू के कारण अंतिम संस्कार के लिए परिजन एकत्र नहीं हो पाए। जबकि शहर में मानसिंहका परिवार करीब 400 सदस्यों का है। मोक्ष रथ को सेनेटाइज किया तब शव पंचमुखी मोक्ष धाम ले जाया गया।

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English summary
ashes await salvation in haridwar Ganga water from Bhilwara
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