आसाराम की सहयोगी शिल्पी की 20 साल कारावास की सजा स्थगित, आज आएगी बाहर
जोधपुर। अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के मामले में सजयाफ्ता आसाराम के साथ सहयोगी शिल्पी को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने शिल्पी की सजा स्थगित करने यानि निलम्बन के आदेश दे दिए हैं। अब शिल्पी जेल से बाहर आ जाएगी। नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम को एससी एसटी कोर्ट ने 25 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं कोर्ट ने षड्यंत्र की मुख्य सूत्रधार मानते हुए सहयोगी शिल्पी को 20 साल की सजा के आदेश दिए थे। साथ ही शरद को 20 साल की सजा और सहयोगी शिवा व प्रकाश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
एससी एसटी कोर्ट के 20 साल की सजा के आदेश के खिलाफ शिल्पी ने सजा स्थगन याचिका पेश की। जिस पर हाईकोर्ट विजय विश्नोई की अदालत में सुनवाई हुई। शिल्पी के वकील महेश बोड़ा ने एफआईआर दर्ज करने के समय, जगह के साथ ही पीड़िता के बयान, उसके माता-पिता के बयान को लेकर सवाल खड़े किए। वहीं सरकार की ओर से एएजी शिव कुमार व्यास ने भी शिल्पी को षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार बताते हुए सजा को बहाल रखने की गुहार लगाई।
सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 26 सितम्बर को निर्णय सुरक्षित रखा। जहां आज जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत ने फैसला सुनाते हुए शिल्पी की सजा को निलंबित कर दिया। अब सरकार इसके खिलाफ एसएलपी करेगी या नहीं इस पर अदालत के आदेश की कॉपी मिलने पर अध्ययन के बाद निर्णय करेंगे।
आज
शिल्पी
को
राहत
मिलने
के
बाद
आसाराम
को
भी
आगे
राहत
मिल
सकती
है।
शिल्पी
को
जमानत
मिलने
और
सजा
निलंबन
से
अब
आसाराम
की
जमानत
को
लेकर
कवायद
शुरू
होगी।
आसाराम
ने
जोधपुर
जेल
से
ऑडियो
वायरल
किया
था।
जिसमे
उसने
कहा
था
कि
पहले
शिल्पी
बेटा
को
बाहर
निकालूंगा।
इसके
बाद
शरद
को
ओर
फिर
मैं
बाहर
आऊंगा।
यह
आसाराम
ने
जोधौर
जेल
से
अपने
समर्थकों
को
मैसेज
दिया
था।