कैदी नंबर—130 आसाराम को एक मामले में मिली जमानत, पर क्या जेल से होंगे रिहा?
जोधपुर। कई साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को आईटी एक्ट के एक केस में 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत मिल गई। अदालत ने मंगलवार को यह राहत उसे तत्कालीन उदयमंदिर थानाधिकारी हरजीराम को जान से मारने की धमकी देने वाले मामले में दी। फिलहाल आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है और आसाराम के अधिवक्ता नीलकमल बोहरा ने कोर्ट में उसका पक्ष रखा।
जोधपुर
में
दर्ज
हुआ
था
मुकदमा
आईटी
एक्ट
का
यह
मामला
आसाराम
के
खिलाफ
जोधपुर
में
तब
दर्ज
हुआ,
जब
तत्कालीन
उदयमंदिर
थानाधिकारी
हरजीराम
ने
उनके
खिलाफ
धमकी
से
जुड़ी
शिकायत
पुलिस
में
की।
इससे
पहले
सोशल
मीडिया
पर
रावण
के
रूप
में
कार्टून
बनाकर
शेयर
किया
गया
था।
इसके
वायरल
होने
के
समय
ही
हरजीराम
को
जान
से
मारने
की
धमकी
दी
गई
थी।
जोधपुर की कोर्ट में इस मामले में आसाराम और उसके साधकों को ही आरोपी बनाया गया था। फिलहाल क्योंकि, आसाराम दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है, तो उसके अधिवक्ता नीलकमल बोहरा ने कोर्ट में उसका पक्ष रखा।
कैदी
नम्बर-130
है
आसाराम
70
साल
से
भी
ज्यादा
उम्र
पूरी
कर
चुके
आसाराम
को
जोधपुर
सेंट्रल
जेल
में
कैदी
नम्बर
130
के
रूप
में
रखा
गया
है।
हाईकोर्ट
ने
उसे
उम्रकैद
की
सजा
सुनाई
थी।
जिसके
बाद
कई
अन्य
मामले
में
भी
अंग्रिम
कार्रवाई
पर
रोक
लगा
रखी
थी।
हालांकि,
मंगलवार
शाम
धमकी
से
जुड़े
एक
मामले
में
25
हजार
रुपए
का
मुचलका
भरने
की
शर्त
पर
उन्हें
जमानत
मंजूर
हुई।
यह
जमानत
मिलने
के
बाद
आसाराम
के
लिए
कानूनी
लड़ाई
की
राह
थोड़ी
सरल
हो
गई
है।
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