IAS Success Story : BPL परिवार का बेटा बना IAS, पिता की मौत के बाद मां ने मजदूरी करके पढ़ाया
BPL परिवार का बेटा बना IAS, पिता की मौत के बाद मां ने मजदूरी करके पढ़ाया
दौसा। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2019 का परिणाम घोषित होने के साथ ही संघर्ष और कामयाबी की ऐसी कई स्टोरियां सामने आई हैं, जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसी ही सक्सेस स्टोरी राजस्थान के अरविंद कुमार मीणा की है। बीपीएल परिवार का यह लड़का पहले सहायक कमांडेंट बना और अब आईएएस बनने में सफल रहा है। अरविंद की यह सफलता इसलिए भी खासे मायने रखती है, क्योंकि इनका बचपन बेइंतहा गरीबी में बीता। कम उम्र में सिर से पिता साया उठ गया। फिर मां ने मजदूरी करके बेटे को पढ़ाया-लिखाया और काबिल बनाया। यही बेटा अब आईएएस अफसर बन गया है।
कौन है आईएएस अरविंद कुमार मीणा
बता दें कि यूपीएससी परीक्षा में 676वीं रैंक और एसटी वर्ग में 12वीं रैंक हासिल करने वाला अरविंद कुमार मीणा मूलरूप से राजस्थान के दौसा जिले के सिकराय उपखंड क्षेत्र के नाहरखोहरा गांव के रहने वाले हैं। ये महज 12 साल के थे। तब इनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई थी।
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मां ने हिम्मत नहीं हारी, बेटे को बनाया अफसर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गरीबी के कारण इनका परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल हुआ। फिर अरविंद की मां सज्जनो देवी ने मजदूरी करनी शुरू की। इनका परिवार मिट्टी के बने कच्चे घर में रहता था। इन्हीं में रहकर अरविंद ने अपनी स्कूल व कॉलेज की शिक्षा पूरी की। गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ने का मन हुआ तो मां ने हिम्मत बंधाई।
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सहायक कमांडेंट बनने के बाद आईएएस
आईएएस बनने से पहले अरविंद का चयन सशस्त्र सीमा बल में सहायक कमांडेंट के पद पर हुआ, मगर अरविंद और उसकी मां सज्जनो देवी का सपना था कि आईएएस बनना। ऐसे में अरविंद ने सरकारी नौकरी लगने के बाद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी थी। 4 अगस्त 2020 को यूपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ तो अरविंद का आईएएस बनने का सपना भी पूरा हो गया।
दो सगी बहन भी बनीं आईएएस
दौसा जिले से दो सगी बहनों का भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है। दौसा जिले के सिकराय उपखंड के खेड़ी रामला गांव की अनामिका ने 116 व उसकी सगी बहन अंजली ने 494 रैंक हासिल की है। खास बात यह है कि इनके पिता रमेश चंद्र मीणा भी आईएएस हैं, जो वर्तमान में तमिलनाडु में पोस्टेड हैं।
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