Arms Act case: सलमान खान को राहत, राज्य सरकार की तरफ से दायर अर्जी खारिज
Arms Act case: Jodhpur Court dismisses the plea against Salman Khan, Read Details: जोधपुर। मशहूर फिल्म अभिनेता सलमान खान के झूठे शपथ पत्र मामले में जोधपुर कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने एक्टर के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से दायर की गई अर्जी को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि जिला एवं सत्र जिला जोधपुर जज राघवेंद्र काछवाल ने सरकार की याचिका को खारिज किया है। कोर्ट के फैसले के बाद सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने मीडिया से कहा कि मेरे क्लाइंट सलमान ने एक भी गलत दस्तावेज पेश नहीं किए थे। कोर्ट ने उन्हें निर्दोष साबित किया। उन्होंने कहा कि ये सबकुछ सलमान को परेशान करने के लिए किया गया। आपको बता दें कि जोधपुर न्यायालय सरकार की ओर से जारी CRPC की धारा 340 में पेश अर्जी पर फैसला सुनाया है। अगर इस मामले में एक्टर दोषी पाए जाते तो उन पर IPC की धारा 193 के तहत केस दर्ज होता और अगर उसमें वो दोषी निकलते तो एक्टर को 7 साल की सजा भी हो सकती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।
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क्या है मामला
दरअसल काला हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट मामले में कोर्ट ने एक्टर सलमान खान से उनके हथियारों के लाइसेंस की रसीद मांगी गई थी लेकिन तब सलमान ने कोर्ट में अपना लाइसेंस जमा कराने को लेकर असमर्थता जताते हुए एक शपथ पत्र पेश किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है और इसके लिए उन्होंने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एक FIR भी दर्ज कराई है, जिसकी कॉपी उन्होंने कोर्ट में पेश की थी।
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धारा 193 के तहत सलमान पर केस दर्ज करने की मांग
जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस से पूछताछ की थी, जिसमें एक कर्मचारी ने बताया था कि सलमान का आर्म्स लाइसेंस मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में नवीनीकरण के लिए विचाराधीन है।
लोक अभियोजक भवानी सिंह ने जारी की अर्जी
जिसके बाद लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने कोर्ट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 340 के अंतर्गत एक अर्जी पेश कर सलमान पर अदालत को गुमराह करने और फर्जी प्रमाण कोर्ट में पेश करने का आरोप लगाया और IPC की धारा 193 के तहत सलमान पर केस दर्ज करने की मांग की थी, जो कि आज खारिज हो गई।
साल 1998 की है ये घटना
मालूम हो कि फर्जी साक्ष्य के मामले में सलमान खान के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सलमान खान का किसी भी तरह का यह मंतव्य नहीं था कि वह झूठा शपथ पत्र दे, ऐसे में उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है।
फिल्म 'हम साथ-साथ है' की शूटिंग के दौरान का मामला
आपको बता दें कि वर्ष 1998 में जोधपुर में फिल्म 'हम साथ-साथ है' की शूटिंग के दौरान सलमान खान के खिलाफ काला हिरण शिकार मामले में आर्म्स एक्ट समते तीन केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से आर्म्स एक्ट मामले में उन्हें साल 2018 में बरी कर दिया गया था।