जज्बे को सलाम : पति की मौत के बाद महिला ने मजदूरी करके बेटी नीता चौधरी को बनाया नेशनल प्लेयर
जालोर। यह कोई रील लाइफ की नहीं बल्कि रियल लाइफ स्टोरी है। राजस्थान के जालोर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र के धामसीन गांव में एक विधवा मां की हिम्मत व हौसले की जितनी तारीफ की जाए कम है। जब पति का निधन हुआ तब बेटी नीता महज 10 वर्ष की थी। पांच बेटी व एक बेटे की जिम्मेदारी अचानक इस महिला के कंधों पर आ जाने से एक बारगी मानो आसमान टूट पड़ा, लेकिन इसने हिम्मत नहीं हारी।
पति तेजा राम चौधरी का 7 वर्ष पूर्व निधन
हम बात कर रहे हैं रानीवाड़ा तहसील के धामसीन निवासी पार्वती देवी चौधरी की। इनके पति तेजा राम चौधरी का 7 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। पति के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी।
बच्चों की पढ़ाई जारी रखी
पार्वती देवी ने मजदूरी कर हिम्मत रखकर अपनी बेटी भावना कुमारी, नीता कुमारी, गोमती कुमारी, वर्षा कुमारी व नीकू कुमारी के साथ-साथ एक बेटे विक्रम कुमार की भी पढ़ाई नियमित जारी रखी।
नीता चौधरी 12वीं कक्षा में अध्ययनरत
पार्वती देवी चौधरी ने पांच बेटियों एवं एक बेटे को पढ़ाने के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के काबिल भी बनाया। इन्हीं में से एक बेटी नीता चौधरी जो 12वीं कक्षा में सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत हैं। साथ ही नीता चौधरी ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में दो बार गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी है।
ऊंची कूद में चौथा स्थान हासिल किया
एक बार स्टेट ओपन में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। खेलों राजस्थान में कांस्य पदक व मैराथन में दो गोल्ड मेडल जीते। वहीं, राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद में चौथा स्थान हासिल किया। इससे पूर्व भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।
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