कोरोना के खौफ के बीच 12वीं पास डॉक्टर बन कर रहा था मरीजों का इलाज, जानिए फिर क्या हुआ
भरतपुर। कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में हड़कंप मचा हुआ है, मगर राजस्थान के भरतपुर में झोलाछाप चिकित्सकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा और वे मरीजों को अपने यहां भर्ती कर खूब रुपए कमा रहे हैं।
भतरपुर में झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई
ऐसे ही झोलाछाप चिकित्सकों के अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर भरतपुर प्रशासन ने छापा मारकर कार्रवाई की है। भरतपुर जिला प्रशासन की टीम ने गुरुवार को छापामार कार्रवाई की और क्लीनिक को सीज किया व वहां इलाज करा रहे मरीजों को वापस अपने घरों के लिए भेजा।
कई मरीज थे भर्ती
यह कथित झोलाछाप किसी पेशेवर चिकित्सक की तरह मरीजों का इलाज करते हुए मिला। उनके क्लीनिक पर अनेक मरीज भी भर्ती मिले। भरतपुर प्रशासन को गुरुवार को सूचना मिली थी कि शहर में कई जगह कुछ अवैध क्लीनिक पर मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। फर्जी चिकित्सक उन मरीजों का इलाज़ कर रहे हैं। उनके पास कोई डिग्री तक नहीं है।
डिग्री देखकर चौंक गई टीम
इसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी पुलिस की टीमों के साथ मौके पर पहुंचे और टीम ने वहां मौजूद डॉक्टर्स की डिग्री देखी तो कोई ग्रेजुएट तो कोई 12वीं कक्षा पास निकला। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि चिराग हॉस्पिटल पर तो दवाओं का भंडार भी मिला, जिसे देख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हक्का बक्का रह गया।
तीन जगहों पर टीम ने मारे छापे
उपखण्ड अधिकारी शहर संजय गोयल और चिकित्सा अधिकारियों ने तुरंत सभी दवाओं को जब्त किया और हॉस्पिटल को सीज कर दिया। इसके अलावा टीम ने दो अन्य क्लीनिक पर भी छापा मारा, जिसमें दोनों डॉक्टर्स फर्जी निकले। उन दोनों क्लीनिक को भी सीज कर दिया गया। उपखण्ड अधिकारी संजय गोयल ने बताया कि प्रशासन को सूचना मिली थी कि ब्रज नगर इलाके में केएस क्लिनिक, चिराग हॉस्पिटल, दीक्षित क्लिनिक अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं। सूचना पर छापामार कार्रवाई कर उनको सीज किया गया।