छत्तीसगढ़ः सीएम भूपेश बघेल ने लॉन्च किया गोधन न्याय योजना, गोपालकों से सरकार खरीदेगी गोबर
रायपुर। गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने और खुले में चराई की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इसके तहत सरकार किसानों से गाय का गोबर करीद उससे वर्मी कंपोस्ट खाद बनाएगी। गोबर की खरीदी की दर तय करने पांच सदस्यीय मंत्री मण्डल की उप समिति गठित की गई है। इस योजना की शुरुआत राज्य में हरेली पर्व के दिन से होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में बेबिनार के माध्यम से पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के बारे में बताया कि इसका उद्देश्य प्रदेश में गो-पालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। साथ ही उन्होंने बताया कि गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोठानों का निर्माण किया गया है। राज्य के 2200 गांवों में गोठानों का निर्माण हो चुका है और 2800 गांवों में निर्माण किया जा रहा है. आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5 हजार गोठान बन जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी. उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। इस योजना के लॉन्च होने के बाद प्रदेश में बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है।
भाजपा के पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर योजना पर सवाल उठाते हुए गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने का सुझाव दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए चंद्रकार सहित अन्य बीजेपी नेताओं को दिमाग में भरे गोबर को इस योजना के तहत बेचकर आर्थिक लाभ कमाने को कह दिया।