Hyderabad Encounter पर छत्तीसगढ़ की महिला IAS ने उठाया यह सवाल, ट्विटर पर हुईं ट्रोल
Hyderabad Encounter: छत्तीसगढ़ की महिला आईएएस का Tweet-ग़लत को ग़लत तरीक़े से, सज़ा देना भी क्या सही कहलायेगा?
रायपुर। 6 दिसम्बर 2019 की सुबह देश सोकर उठा तो हैदराबाद से खबर आई कि उन चारों दरिंदों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया, जिन्होंने 27 नवम्बर 2019 की रात महिला चिकित्सक के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी थी।
हैदराबाद गैंगरेप व मर्डर के आरोपियों का एनकाउंटर किए जाने की खबर पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आईं। हर कोई हैदराबाद पुलिस की पीठ थपथपाता दिखा। वहीं, छत्तीसगढ़ की महिला आईएएस अफसर प्रियंका शुक्ला ने हैदराबाद पुलिस द्वारा किए गए मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने गैंगरेप के आरोपियों को पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारना गलत बताया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ग़लत...बहुत ग़लत है और हमेशा ग़लत रहेगा ...कड़ी सज़ा के लायक रहेगा ..पर ग़लत को ग़लत तरीक़े से, सज़ा देना भी क्या सही कहलायेगा? कहीं कल कोई इसका कुछ और ग़लत करने के लिए फ़ायदा न उठा ले? उधर, इस ट्वीट के बाद आईएएस प्रियंका शुक्ला ट्विटर पर ट्रोल हो गईं। कई यूजर्स ने इनके ट्वीट पर आपत्ति जताई। वहीं, यूजर इनके ट्वीट से सहमत भी नजर आया।
ग़लत...बहुत ग़लत है और हमेशा ग़लत रहेगा ...
— Priyanka Shukla (@PriyankaJShukla) December 6, 2019
कड़ी सज़ा के लायक रहेगा ..
पर ग़लत को ग़लत तरीक़े से
सज़ा देना भी क्या सही कहलायेगा ?
कहीं कल कोई इस का कुछ और ग़लत करने के लिए फ़ायदा न उठा ले ? @bdutt @rahuldev2 @rahulpandita @neeleshmisra @ParveenKaswan @DrKumarVishwas
तेलंगाना में गैंगरेप कांड के चारों आरोपियों का एनकाउंटर किए जाने के मामले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बयान में कहा कि कोई अपराधी अगर भागने की कोशिश करें तो पुलिस के पास कोई और तरीका नहीं होता है। न्याय हुआ है ऐसा मैं कह सकता हूं।
मेनका गांधी ने भी उठाए सवाल
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी हैदराबाद पुलिस द्वारा किए गए मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो भी हुआ है बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए। आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते, क्योंकि आप चाहते हैं। आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते, वैसे भी उन्हें अदालत से फांसी की सजा मिलती। उन्होंने कहा अगर न्याय बंदूक से किया जाएगा तो इस देश में अदालतों और पुलिस की क्या जरूरत है?