छत्तीसगढ़ सरकार ने निजी स्कूलों को दिया निर्देश, लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से न मांगें फीस
रायपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते असर को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन का एलान किया गया है। ऐसे में स्कूल, कॉलेज सभी बंद हैं। लोग अपने रोजगार पर नहीं जा पा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कई राज्यों में कुछ प्राइवेट स्कूल व कॉलेज वाले अभिभावकों से फीस भरने की मांग कर रहे हैं। इस तरह के मामलों को छत्तीसगढ़ सरकार ने गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी निजी स्कूलों से कहा है कि लॉकडाउन के दौरान फीस न मांगें।
बुधवार को ही सरकार ने निजी स्कूलों के लिए निर्देश भी जारी कर दिया है। इसके मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूल के फीस वसूलने पर रोक लगा दी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अभनपुर क्षेत्र के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी निलंबित कर दिया है। अधिकारी पर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने और पद का दुरुपयोग करने का आरोप था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से कहा कि वे स्कूल में पढ़ने वालों छात्र-छात्राओं से लॉकडाउन के दौरान फीस न लें। इसके बावजूद भी परिजनों की तरफ से राज्य सरकार को बार-बार शिकायत मिल रही थी कि स्कूल वाले उनके ऊपर बच्चों की फीस भरने के लिए दबाव बना रहे हैं।
इसके बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी किया और मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा कि लॉकडाउन के दौरान अनेक निजी शालाओं द्वारा स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं। ऐसे समय में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है।
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