11 वीं शताब्दी में स्थापित की गई गणेश की प्रतिमा तीन हजार फीट की ऊंचाई से गायब, प्रशासन परेशान
छत्तीसगढ़ स्थित दंतेवाड़ा की पहाड़ी पर स्थापित की गई भगवान गणेश की प्रतिमा को क्षेत्र का अजूबा माना जाता था। इसका गायब होना इलाके के लोगों के लिए दुखद घटना है।
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ स्थित दंतेवाड़ा में उस समय खलबली मच गई जब यहां के ढोलकल में 2,994 फीट ऊपर स्थित भगवान गणेश की प्रतिमा गायब हो गई। मिली जानकारी के अनुसार 25 जनवरी तक यह प्रतिमा अपने स्थान पर थी लेकिन जब वे 26 जनवरी को चतुर्थी के अवसर पर पूजन अर्चन करने पहुंचे तो प्रतिमा गायब थी। इस घटना से राज्य के अधिकारी परेशान है। उनका कहना है कि इतनी ऊंचाई से आखिर प्रतिमा गई कहां?
इस घटना की जांच के लिए टीम रवाना हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे घटनाक्रम पर खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह की नजर है। सूत्रों की माने तो इस संबंध में सिंह ने गृह मंत्रालय से खा स अपील की है। जानकार बतातें हैं कि इस प्रतिमा को 10वीं शताब्दी में दंतेवाड़ा में नागवंशी राजाओं ने स्थापित की थी। गणेश की यह प्रतिमा लगभग च फीट ऊंची और 21 फीट चौड़ी ग्रेनाइट के पत्थरों से बनी हुई थीं।
इसकी बनावट वास्तुकला के नजरिए से बहुत ही कलात्मक है। प्रतिमा में भगवान गणेश के हाथ में ऊपरी दाएं हाथ में फरसा, ऊपरी बाएं हाथ में टूटा हुआ एक दंत, निचले दाएं हाथ में अभय मुद्रा में अक्षयमाला तथा नीचे बाएं हाथ में मोदक था। स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान गणेश का यह रूप कही मौजूद नहीं था। भगवान गणेश के पेट पर एक नाग चिन्ह भी मौजूद था। ये भी पढ़ें: यूपी की जनता के लिए बीजेपी ने जारी किया राम मंदिर और विकास साथ-साथ वाला घोषणा पत्र