तमिलनाडु: नेल्लईप्पर मंदिर में राहुल गांधी ने टेका मत्था, कहा-'सभी धर्मों को राजनीति से जुड़ना चाहिए'
चेन्नई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने तीन दिन के तमिलनाडु दौरे के दूसरे दिन आज तिरुनेलवेली के अरुलमिगु नेल्लईप्पर मंदिर में पूजा की, इस दौरान वो पूरी तरह से ध्यानमग्न नजर आए, उन्होंने माथे पर चंदन का तिलक भी करवाया और पवित्र बंधन (साफा) को भी बांधा। इसके बाद वो तिरूनेलवेली के ही एक कार्यक्रम शामिल भी हुए, जहां उन्होंने सड़क किनारे खरीदकर नारियल पानी भी पीया।
नेल्लईप्पर मंदिर में राहुल गांधी ने टेका मत्था
इस दौरान उन्होंने जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला, उन्होंने कहा कि सभी धर्मों को राजनीति से जुड़ना चाहिए लेकिन यह मुझे अच्छी तरह से पता है कि मोदी सरकार किसी को भी बोलने की आजादी नहीं देती है।
'मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बहुत निराश हूं'
लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बहुत निराश हूं क्योंकि नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होने और सवाल पूछने की बजाय उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण का एक ही कारण है कि सीएम भ्रष्ट हैं और नरेंद्र मोदी के पास ED, CBI और दूसरे संस्थान हैं लेकिन मैं किसी से नहीं डरता हूं।
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'हमें ऐसा व्यक्ति चाहिए जो तमिल सभ्यता की रक्षा करे'
उन्होंने कहा कि हमें ऐसा व्यक्ति चाहिए जो तमिल सभ्यता, तमिल भाषा, तमिल संस्कृति की रक्षा करे। यह चुनाव में मुख्य मुद्दा है। अगर मुख्यमंत्री जी तमिलनाडु के लोगों का वोट पाना चाहते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के आगे झुकना छोड़ना होगा, उनके आगे आत्मसमर्पण बंद करना होगा।
हम नरेंद्र मोदी को भी नागपुर वापस भेज देंगे: राहुल गांधी
इससे पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि हम आज एक ऐसे शत्रु से लड़ रहे हैं, जो अपने विरोधियों को कुचलने में लगा हुआ है, लेकिन हम पहले भी ऐसी स्थिति से निपट चुके हैं। हमने अंग्रेजों को इस देश से भगाया है, जो नरेंद्र मोदी से काफी शक्तिशाली थे। ऐसे में जब हमने अंग्रेजों को वापस भेज दिया तो हम नरेंद्र मोदी को भी नागपुर वापस भेज देंगे।
'बिना महिलाओं के सशक्त हुए समाज आगे नहीं बढ़ सकता'
तो वहीं तिरुनेलवेली में शिक्षकों से संवाद करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'समाज महिलाओं को सम्मान और उनका सशक्तिकरण किए बिना सफल नहीं हो सकता है। हम सत्ता में आएंगे तो गरीबों को छात्रवृत्ति देंगे और महिलाओं की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाएंगे, क्योंकि बिना महिलाओं के सशक्त हुए समाज प्रगति पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है।'