अनामिका शुक्ला: 25 जिलों से वेतन लेने की आरोपी टीचर इस्तीफा भेज हुई लापता, रायबरेली बीएसए ने कहा- हम ले रहे एक्शन
रायबरेली। उत्तर प्रदेश में साइंस की एक टीचर के कारनामे से हर कोई हैरान और परेशान है। ये सोचने पर मजबूर है कि क्या ऐसा भी संभव है। अनामिका शुक्ला नाम की यह शिक्षिका महीनों से 25 स्कूलों में काम कर रही थी। आरोप है कि शिक्षिका एक डिजिटल डेटाबेस होने के बावजूद एक करोड़ रुपए का वेतन डकार गई। शिक्षिका की तैनाती रायबरेली के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में थी, लेकिन वह इसके साथ ही प्रदेश के कई जनपदों में ड्यूटी कर रही थी। वह सभी जनपदों से बाकायदा वेतन भी ले रही थी। मामला सामने आने पर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने शिक्षिका को नोटिस भेजा तो वह उपस्थित नहीं हुई। इसके जवाब में 26 मई को वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेज दिया। बीएसए ने कहा कि मामले से विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही आरोपी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर दिए गए मानदेय की रिकवरी को लेकर भी कदम उठाएं जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शुक्रवार को इस मामले में उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रायबरेली में तैनात रही साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला का नाम इन चर्चा में आ गया है। मैनपुरी जिले के हसनपुर निवासी अनामिका शुक्ला पर एक साथ 25 जिलों में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने का आरोप है। चर्चा है कि अनामिका ने 13 महीने में एक करोड़ रुपए का वेतन उठाया। इसी बीच अनामिका शुक्ला ने रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी के वाट्सऐस पर अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस्तीफा भेजने के बाद से अनामिका शुक्ला लापता है। अनामिका की ओर से मामले में संतोषजनक जवाब ना मिलने पर रायबरेली के बीएसए आनंद शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी की कार्रवाई करने की बात कही है। इसके साथ ही अनामिका के खिलाफ केस भी दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में शिक्षिका अनामिका शुक्ला ने व्हाट्सएप पर इस्तीफा भेजा है। यह प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उसका मोबाइल भी बंद है।
फरवरी में हुई थी रायबरेली में तैनाती
बीएसए आनंद प्रकाश ने बताया कि रायबरेली में फरवरी में शिक्षिका अनामिका शुक्ला की तैनाती हुई। इसके कुछ दिनों के बाद ही यह मामला उनके संज्ञान में आया। मुख्यालय द्वारा सूबे के करीब 5-6 जनपद के बीएसए को पत्र लिखकर अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के बारे में विवरण मंगा गया था। हालांकि इनमें रायबरेली जनपद शामिल नहीं था। बीएसए ने बताया कि जानकारी होने पर उन्होंने अपने स्तर से मामले की पूरी तरह से छानबीन करवाई। धांधली की आशंका से बछरावां में तैनात उस शिक्षिका से अपना पक्ष रखने के संबंध में नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पहले कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण उसने आने में असमर्थता जाहिर की, जिसके बाद में उसने व्हाट्सएप के माध्यम से अपना इस्तीफा दे दिया।
एफआईआर दर्ज कराकर वेतन की भी होगी रिकवरी
बीएसए ने बताया कि केवल रायबरेली जिले ने ही कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं, लेकिन अन्य जनपद ने इस मामले में उस शिक्षिका पर किसी प्रकार की अभी तक कार्रवाई नहीं की है। हमने उसके सभी कागजात को जमा करा लिए हैं। पूरे मामले से विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और जल्द ही आरोपी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर दिए गए मानदेय की रिकवरी को लेकर भी कदम उठाएं जाएंगे। शिक्षिका द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। साथ ही अनामिका शुक्ला जैसे तमाम दूसरे शिक्षकों द्वारा भी घपलेबाजी किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
एक करोड़ डकारने वाली टीचर के शैक्षणिक प्रपत्रों की भी जांच होगी
जानकारी
के
मुताबिक,
फर्जी
तरीके
से
एक
करोड़
से
अधिक
की
धनराशि
डकारने
वाले
साइंस
टीचर
अनामिका
शुक्ला
मैनपुरी
की
रहने
वाली
है,
लेकिन
उसने
गोंडा
में
हाईस्कूल
से
स्नातक
तक
पढ़ाई
की
है।
इसके
बाद
अंबेडकरनगर
में
प्रोफेशनल
कोर्स
किया।
इस
कोर्स
के
बाद
प्रदेश
के
25
जिलों
में
एक
साथ
नौकरी
की।
कस्तूरबा
गांधी
आवासीय
बालिका
विद्यालय
बछरावां
में
तैनात
रही
अनामिका
के
शैक्षिक
दस्तावेजों
में
मूल
पता
मैनपुरी
है।
वहीं,
शैक्षिक
अभिलेख
हाईस्कूल
के
बालिका
इंटर
कॉलेज
रेलवे
कॉलोनी
गोंडा,
इंटर
बीएमजेबी
आइसी
परसपुर
गोंडा,
बीएससी
रघुकुल
महिला
विद्यापीठ
सिविल
लाइंस
गोंडा
है।
बीएड
आदर्श
कन्या
स्नातकोत्तर
मवि
जियापुर
बरूआ
टांडा
अंबेडकरनगर
के
अंकपत्र
और
प्रमाण
पत्र
लगे
हैं।
रायबरेली
के
बीएसए
ने
बताया
कि
उसके
प्रोफेशनल
कोर्स
के
दस्तावेज
जांच
के
लिए
कुलपति
को
पत्र
भेजा
गया
है।
इसके
साथ
ही
स्नातक,
इंटर
व
हाईस्कूल
के
प्रपत्रों
की
भी
जांच
होगी।
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