कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए रायबरेली के SO महेश कुमार, बेटे ने कही यह बात
रायबरेली। कानपुर जिले के बिकरू गांव में गुरुवार की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर घात लगाकर विकास दुबे गैंग ने हमला बोल दिया था। इस हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। विकास दुबे गैंग के साथ हुई मुठभेड़ में रायबरेली जिले के सरेनी थाना क्षेत्र के बनपूरा मजरे के रहने वाले महेश कुमार यादव भी शहीद हो गए। महेश कुमार की शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शहीद के शव को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों ने बताया कि शहीद का शव शाम तक गांव आने की उम्मीद है।
महेश यादव के पिता देव नारायण रिटायर्ड जल कल विभाग के पंप आपरेट हैं। देव नारायण यादव ने बताया कि उनके दो बेटे है महेश और राजेश। महेश 1996 में सहारनपुर से पुलिस में भर्ती हुए थे। वहीं, राजेश यादव लखनऊ में अध्यापक है। महेश कुमार यादव (45) ने वर्ष 2014 में दारोगा की परीक्षा में पास हुए तो पहली तैनाती में एसएसपी कानपुर के पीआरओ की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद अपनी मेहनत व निष्ठा के बल पर कानपुर नगर के कई थानों में वह तैनात रहे। बीते 2 वर्ष से महेश कुमार कानपुर नगर के शिवराजपुर थाने में तैनात थे।
शहीद के बड़े बेटे विवेक ने बताया कि बीती रात करीब एक बजे सूचना मिली कि कानपुर के चौबेपुर थाने के विकारों गांव में बदमाश विकास दुबे से मुठभेड़ हो गई है। जिसके चलते बिठूर पुलिस समेत शिवराजपुर की पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया। दारोगा महेश कुमार यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बदमाशों से लोहा लेने लगे। तभी बदमाशों की गोली से वह शहीद हो गए। शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे घटना की सूचना परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। मौके पर उप जिलाधिकारी जीत लाल सैनी, क्षेत्राधिकारी लालगंज इंद्रपाल सिंह, कोतवाल रावेन्द्र सिंह, वरिष्ठ उप निरीक्षक बृजपाल यादव पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
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बता दें कि शहीद दरोगा महेश कुमार यादव के दो पुत्र है। बड़ा बेटा विवेक नारायण कोटा से मेडिकल की तैयारी कर रहा है। वहीं, दूसरा विराट अभी दो साल का है। विवेक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें अपने पिता की शहादत पर गर्व है। वो भी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद करके देश की सेवा करेंगे।