रायबरेली: डॉक्टर ने वीडियो वायरल कर दिखाई क्वारंटाइन सेंटर की दुर्दशा, प्रशासन ने गेस्ट हाउस में किया शिफ्ट
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले सरकारी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के एक समूह द्वारा अव्यवस्थाओं से जुड़े वीडियो को जारी करने के बाद बुधवार रात उन्हें एक गेस्ट हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया। मेडिकल स्टाफ को एक्टिव क्वारंटाइन किया गया है। दरअसल, बछरांवा में बने आइसोलेशन सेंटर के डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें न सही भोजन मिल रहा, न पीने को पानी। रूम में गड्ढे हैं, वाशरूम चोक हैं, एक बाथरूम में 25 को नहाना पड़ रहा। पीपीई किट झिल्ली नुमा है।
'तीन वॉशरूम, तीनों चोक, रातभर लाइट नहीं'
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली के बछरांवा में बने आइसोलेशन सेंटर के डॉक्टर ने अपनी आपबीती का वीडियो जारी किया। डॉक्टर ने बताया ''सोने की व्यवस्था ऐसे दी गई है कि एक स्कूल है जिसमें बड़े-बड़े क्लास रूम हैं और उसमें चार बेड लगाकर के दे दिए गए हैं। इसके अलावा यहां तीन जेंट्स वॉशरूम हैं और तीनों चोक हैं, शिकायत पर एक सचल शौचालय बाहर खड़ा कर दिया गया है। नहाने के लिए बाथरूम नहीं है, रात भर लाइट नहीं थी, सुबह से नाश्ता पानी कुछ नहीं आया। पीने का पानी नहीं है, एक बॉटल पानी 20 लीटर का आया 11:30 बजे, जो कहा गया 25 लोगों के स्टाफ में प्रतिदिन दिया जाएगा। हम जानना चाहते हैं कि हम लोग अगर मरीज को देख रहे हैं तो क्या एक्टिव क्वारंटाइन के लिए यही मानक हैं? प्रशासन क्या हम लोगों की लाइफ से खिलवाड़ करना चाहता है या वो चाहता है कि डॉक्टर जाए ड्यूटी करें, पाजिटिव होंगे तो हम बाद में इलाज कर लेंगे।''
डॉक्टर ने कहा- प्रशासन ने खड़े किए हाथ
डॉक्टर ने कहा, जब हम लोगों ने प्रशासन से ये बात रखी तो प्रशासन ने कहा कि हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। यहां फर्श पर बड़े-बड़े गढ्ढे हैं उसको छिपाने के लिए दरियां बिछा दी गई हैं। इस पर सेनेटाइजेशन हो ही नहीं सकता, सेनेटाइजेशन के मानक हैं हर तीन घंटे में सेनेटाइज किया जाए। आज कुछ लोग बाहर और कुछ मोबाइल टायलेट में गए हैं। प्रिंसिपल का आफिस है वहां एक बाथरूम है, जिसमें 25 लोग नहाते हैं। पीपीए किट पर्याप्त नहीं है, एक तो ये प्लास्टिक का नहीं झिल्ली दार है, चश्मे भी जो मिले हैं वो छोटे साइज के हैं। पैर पर शू कवर दिया गया वो भी छोटा। ''बस इतना कहेंगे के हम लोगों को पॉजिटिव होने के लिए भेजा गया है न की मरीजो को सर्व करने के लिए।''
डॉक्टर ने कहा- हम यहां पिकनिक मनाने नहीं आए हैं, लेकिन...
उन्होंने बताया कि कल रात में एक रेड कलर की झिल्ली में पूड़ी डालकर उसे बांध दिया गया था। उसी तरह रेड झिल्ली में पेपर में सब्जी बांध दी गई थी। सुबह से 11 बजे तक चाय नहीं मिली। किंग जार्ज से जारी डॉक्टरों के चार्ट का वन पर्सेंट भी फॉलो नहीं हो रहा। हमें फाइव स्टार व्यवस्था नहीं चाहिए, हम अपनी सुरक्षा मांग रहे हैं, हम यहां पिकनिक मनाने नहीं आए हैं। डॉक्टर ने कहा के जब हम लोगों ने सीडीओ अभिषेक गोयल से मांग की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। वीडियो सामने आने और डॉक्टरों की शिकायत के बाद सीएमओ ने कहा, 'हमने सभी को पास के एक गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया है। हम वहां एक लाइव किचन की व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि डॉक्टरों को गर्म खाना मिल सके।'
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