रायबरेली: CMO को मीटिंग में डीएम वैभव श्रीवास्तव ने कहा- 'तुम्हारी खाल खींच लूंगा, जमीन में गाड़ दूंगा'
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव द्वारा भरी मीटिंग में सीएमओ संजय शर्मा के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। डीएम द्वारा कहे गए अपशब्दों से नाराज सीएमओ ने शनिवार को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक को चिट्ठी लिखी है। सीएमओ द्वारा लिखी गई चिट्ठी वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा में आ गया। हालांकि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की आपात बैठक में प्रकरण के पटाक्षेप का दावा किया गया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 सितंबर, दिन शुक्रवार को डीएम वैभव श्रीवास्तव ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर कैंप कार्यालय में जिले के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। मीटिंग में कोवडि-19 से जुड़े अधिकतर अधिकारी और चिकित्साधिकारी मौजूद थे। सीएमओ डा. संजय शर्मा द्वारा स्वास्थ्य महानिदेशक को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मीटिंग में कोविड-19 के अस्पतालों के भोजन व्यवस्था प्रभारी डॉ. मनोज शुक्ला की गैरमौजूदगी का मसला उठा।
सीएमओ का कहना है कि डीएम को बताया गया कि डॉ. मनोज शुक्ला की पत्नी कैंसर रोग से ग्रस्त हैं। उनकी डायलिसिस होनी थी। फोन पर ही उन्हें पत्नी के इलाज के लिए जाने की इजाजत दे दी गई। डॉ मनोज शुक्ल उक्त बैठक में इसी कारण शामिल नहीं हो सके थे। इसी बात को लेकर डीएम वैभव श्रीवास्तव ने उनसे अपमान की भाषा में बात की। उन्होने 'गधा' तक कह दिया। उनका आरोप है कि डीएम यहीं नहीं रुके। उन्होने भरी मीटिंग में खाल तक खिंचवाने धमकी भी दे दी। पत्र में उन्होने लिखा है कि डीएम की इस धमकी से उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले आए।
शनिवार को सीएमओ का यह पत्र वायरल होने के बाद डीएम-सीएमओ के बीच विवाद चर्चा में आ गया। इसके बाद डमेज कंट्रोल शुरू हुआ। तो वहीं, सीएमओ ने चिट्ठी लिखकर महानिदेशक से इस प्रकरण में उचित कार्रवाई का आग्रह किया है। इस बाबत डीएम वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि सीएमओ काम में शिथिलता बरत रहे थे। इसी बात पर गुस्सा आ गया। मैंने कोई गाली नहीं दी।