प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रायबरेली आगमन से पहले शहर भर में लगे विरोध के पोस्टर, देखें
रायबरेली। यूपी के रायबरेली जनपद में 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसके लिए स्थानीय प्रशासन व भाजपा कार्यकर्ता पूरी तरह से स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शनिवार की सुबह लोग जब अपने घरों से बाहर निकले तो पूरे शहरभर में प्रधानमंत्री के विरोध में होर्डिंग्स और पोस्टर देखने को मिले। यह पोस्टर अलग-अलग पार्टियों के लोगों ने लगवाए हैं।
पोस्टर में लिखा ये
पोस्टर के माध्यम से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोदी के रायबरेली आगमन का विरोध करना शुरू कर दिया है। सड़कों पर लगे पोस्टर और होर्डिंग्स में लिखा है जो राम का नहीं, जो रहीम का नहीं, वह किसका? विरोध के सुर इतने सख्त हैं कि पोस्टरों पर लिखा गया है- तानाशाही से भरपूर यह सरकार आम जनता को ध्यान ही नहीं दे रही है। वह अपने चिन्हित उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है।
विपक्ष ने लगाए आरोप
शनिवार की सुबह शहरभर में लगे पोस्टरों ने स्थानीय प्रशासन की होश उड़ा दी है। अन्य पार्टियों ने प्रधानमंत्री के विरोध में पोस्टर शहर भर में लगवाए हैं। खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री अरबों की सौगात रायबरेली को दे सकते हैं। वहीं विपक्षी पार्टियों का कहना है कि अगर सौगात ही देना था तो बीते 4 वर्षों में क्यों नहीं दिया गया। साल 2019 के चुनावी महासंग्राम में सिर्फ 6 महीने का वक्त बाकी है। क्या अरबों के प्रोजेक्ट 6 महीने में धरातल पर उतरेंगे, जिनसे जनता को लाभ होगा। अगर ऐसा नहीं है तो यह फिर चुनावी लाभ के अंतर्गत खानापूर्ति है, जिसे भाजपा कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में रंग देना चाहती है।
सोनिया गांधी के खिलाफ कौन हो सकता है खड़ा
अगर देखा जाए तो ऑल इंडिया आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स रायबरेली का भी सही मायनों में विस्तार नहीं किया गया है। इन सब के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी मेडिकल कॉलेज का भी शिलान्यास कर सकते हैं। यह सरकार धरातल पर कोई भी योजना उतार नहीं पा रही है, जिससे प्रभावित रायबरेली की आम जनता यह अच्छे से जानती है कि कहीं ना कहीं चुनावी मुद्दों को भुनाने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी कर रही है। खबरों के अनुसार जनपद के बाहर के किसी नेता को भी आने वाले चुनाव में शामिल किया जा सकता है, जो सीधे-सीधे सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगा।