एथलीट सुधा सिंह ने बढ़ाया उत्तर प्रदेश का गौरव, रानी लक्ष्मीबाई और यश भारती अवार्ड के बाद मिला पद्मश्री
Athlete Sudha Singh Latest News, रायबरेली। साधारण परिवार में पली बढ़ी एक बेटी ने अपने माता-पिता का ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने अमेठी जिले की बेटी और रायबरेली की बहू अंतरराष्ट्रीय स्तर की एथलीट सुधा सिंह को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा है। सुधा को पद्मश्री अवार्ड मिलते ही ससुराल समेत सुधा के परिवारजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। तो वहीं, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। बता दें, यह पुरस्कार पाने वाली वह प्रदेश की दूसरी महिला खिलाड़ी हैं। इसके पहले यूपी की पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी मीना शाह को पद्मश्री मिल चुका है।
रानी लक्ष्मीबाई और यश भारती अवार्ड कर चुकी है हासिल
एथलीट सुधा सिंह मूलत: ग्राम पोस्ट भिमी, जिला अमेठी की रहने वाली है। फिलहाल वो अपने परिवार के साथ रायबरेली जिले के शिवजी नगर कॉलोनी में रह रहा है। सुधा सिंह के पिता हरिनारायण सिंह सेवानिवृत्त आईटीआई कर्मी है। वहीं, मां गृहणी और छोटा भाई प्रवेश नारायण सिंह एफजीआइईटी में प्रोफेसर हैं। सुधा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय बालिका इंटर कालेज में पूरी की। सुधा का मन बचपन से ही खेल कूद में लगता था, जिसके चलते स्कूल में होने वाली खेल प्रतियोगिता में वो हमेशा हिस्सा लेकर प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करती थी। खेल के दम प्रदेश की तत्कालीन सरकार में रानी लक्ष्मीबाई और यश भारती अवार्ड से सम्मानित हासिल कर चुकी है। वर्तमान में वह बेंगलुरू में इंडियन कैंप कर रही हैं।
कभी नहीं देखा पीछे मुड़कर
सुधा के परिजनों ने उनकी रुचि खेल में देखने के बाद लखनऊ के स्पोर्ट्स हास्टल में दाखिला करवा दिया। यहां सुधा ने अपना खेल निखारने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुधा सिंह ने करीब पांच वर्ष तक लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम के हास्टल में रहकर ट्रेनिंग की। अंतरराष्ट्रीय स्तर वर्ष 2009 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर उन्होंने सबका ध्यान खींचा। सुधा ने इसके बाद 2010 में हुए एशियन खेल की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। 2013 एशियन चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीतने वाली सुधा ने 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स में रजत पदक जीता। रियो 2012 तथा लंदन 2016 ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली सुधा सिंह का अब एक ही लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना है।
PM मोदी का किया विशेष धन्यवाद
मात्र 34 वर्ष की आयु में ही उनको खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान अर्जुन पुरस्कार के बाद पद्मश्री सम्मान मिला है। एथलेटिक जगत में रायबरेली एक्सप्रेस के नाम से विख्यात सुधा सिंह ने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के दम पर इस खेल में न सिर्फ खुद को साबित किया बल्कि, दुनियाभर में देश का गौरव भी बढ़ाया। मीडिया से बात करते हुए सुधा सिंह कहती हैं, यह करियर का सर्वश्रेष्ठ दिन है। एक खिलाड़ी जब देश के लिए पदक जीतता है तो उसे इस तरह के बड़े सम्मान का इंतजार होता है। प्रधानमंत्री मोदी को विशेष धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने हमारी उपलब्धि का मान बढ़ाया।
क्या कहा सुधा सिंह के पिता ने
सुधा के पिता कहते हैं की बिटिया ने देश, प्रदेश और जिले में जो अपना नाम किया है उसके लिए पूरा रायबरेली और प्रदेश गौरांवित है। उन्होंने कहा जिले और प्रतिभाएं निकलें हम यही कहना चाहते हैं। वहीं, सुधा की छोटी भाभी अर्चना सिंह ने मीडिया से कहा की कल से ही हम जश्न मना रहे हैं, रायबरेली से लोग आ भी रहे हैं। हम यही चाहते हैं रायबरेली से सारी लड़कियां जो इस क्षेत्र में हैं वो आगे बढ़ती रहें और दीदी से प्रेणना लेती रहें।