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गांधी परिवार के सदस्य नामांकन से पहले यहां करते हैं पूजा-पाठ, इंदिरा ने रखी थी परंपरा की नींव

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Raebareli News, रायबरेली। उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का नाम जेहन में आते ही गांधी-नहेरू परिवार का पूरा खाका सामने आ जाता है। यह वही सीट है जहां पर हुए कुल 19 लोकसभा चुनावों (16 चुनाव तथा तीन उपचुनाव) में 16 बार गांधी-नेहरू परिवार का वारिश ही इस पर काबिज रहा है। आपको बता दें कि गांधी परिवार नामांकन करने से पहले गुरुजी गया प्रसाद शुक्ला के यहां पूजा-पाठ कर भगवान श्रीगणेश का आशीर्वाद लेकर ही चुनाव मैदान में कदम रखता है। यह परंपरा 1967 से चली आ रही है।

1967 में पहले भी किया था नामांकन

1967 में पहले भी किया था नामांकन

कांग्रेस नेता एवं यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार 11 अप्रैल को रायबरेली सीट से अपना पर्चा भरेंगी। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी साथ होंगी। आपको बता दें कि रायबरेली में गांधी परिवार में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहला नामांकन 1967 में किया था। इसी समय से रायबरेली में गांधी परिवार ने चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी। इंदिरा गांधी ने सांसद पद के लिए नामांकन करने से पहले अपने गुरुजी गया प्रसाद शुक्ला के यहां से पूजा-पाठ करके भगवान श्रीगणेश जी का आशीर्वाद लेकर ही चुनाव मैदान में कदम रखती थी। 1967 से लेकर आज तक गांधी परिवार पूजा-पाठ करके आर्शीवाद लेकर ही नामांकन कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचते है।

कौन है यह गुरु जी

कौन है यह गुरु जी

गया प्रसाद शुक्ला को गुरुजी के नाम से जाने जाते थे। गुरुजी के पुत्र जगदीश शुक्ला बताते है कि इंदिरा गांधी ने इनको गुरुजी के शब्द से पुकारती थी और उनका ही दिया हुआ यह नाम है। उनका जन्म रायबरेली के लालगंज के नयी बाजार में हुआ था। इसके बाद गुरुजी का परिवार रायबरेली शहर आ गया था। कुछ समय के बाद यह इंदिरा गांधी के सम्पर्क में आये और पार्टी में आना जाना चालू हो गया। इंदिरा गांधी ने इनको नयी पहचान दी गुरुजी के नाम से पुकाने लगी। इसके बाद इनके यहां से 1967 में चुनाव में घर पर पूजा-पाठ करके ही चुनाव में नामांकन किया करती थी। तब से लेकर आजतक गुरुजी के यहां गांधी परिवार लगातार पूजा-अर्चना करते चले आ रहे है। इंदिरा गांधी इनके यहां पर चैपाल भी लगाया करती थी। जिले की जनता की समस्यायें भी इसी जगह पर सुना करती थी। यहां पर देश के और भी कांग्रेस के नेता आया करते थे।

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1856 में अस्तित्व में आया था जिला

1856 में अस्तित्व में आया था जिला

रायबरेली जिला अंग्रेजों द्वारा 1858 में बनाया गया था अपने मुख्यालय शहर के बाद नामित किया था। जिले का नाम इसके संस्थापक ‘राजभरो' के कारण पहले भरौली या बरौली हुआ जो कालांतर में परिवर्तित होकर बरेली हो गया। इस शहर की स्थापना राजा डलदेव राय बलदेव राय द्वारा किया गया था। उपसर्ग ‘राय' का संबंध कायस्थ से है कुछ समय के लिए इस शहर के मालिक थे। उन्हें अंग्रेजों से ‘राय' उपाधि मिली थी। इस तरह इस शहर का नाम रायबरेली हो गया।

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English summary
Gandhi family does not bless without nomination
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