बच्ची से रेप और हत्या के मामले में रायबरेली कोर्ट ने सुनाई आरोपी को फांसी की सजा, सात साल बाद आया फैसला
रायबरेली। सात साल बाद बलात्कार और हत्या के मामले में राजबरेली जिला अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने डेढ़ साल की बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या के मामले में अभियुक्त को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय तो मिला ही अपराधियों में भी एक कठोर संदेश गया है। बता दें कि मामला दीवानी न्यायालय के विशेष पॉक्सो न्यायालय का है, जहां न्यायाधीश विजयपाल ने अभियुक्त को मौत की सजा सुनाई।
सलोन कोतवाली क्षेत्र डेढ़ साल की बच्ची के साथ जितेन्द्र सिंह नाम के एक व्यक्ति ने रेप किया था। मामला 2014 का है, जब जितेंद्र डेढ़ साल की मासूम बच्ची को अपने साथ ट्यूबवेल पर ले गया और उसके साथ घिनौना कृत्य किया। इसके बाद उस मासूम की दर्दनाक हत्या कर दी। काफी मशक्कत व कड़ी पूछताछ के बाद जितेंद्र ने बलात्कार के बाद हत्या की बात को स्वीकार लिया, जिसके बाद पुलिस ने उस मासूम बच्ची की लाश को भी बरामद कर लिया और मामला संबंधित धाराओं में थाने में दर्ज हो गया।
इसके बाद 7 साल तक कोर्ट में जिरह व गवाहियां चलती रहीं। आज वारदात के 7 साल बाद 5 नम्बर पॉक्सो कोर्ट के जज विजय पाल ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई। बच्ची के साथ बलात्कार व हत्या का केस विशेष लोक अभियोजक वेदपाल सिंह लड़ रहे थे। काफी मशक्कत व कठिन परिश्रम के बाद मासूम के परिजनों को न्याय मिला। रायबरेली जनपद के सत्र न्यायालय का यह अभी तक का पहला ऐतिहासिक फैसला है, जिसमें हत्या व बलात्कार के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। जैसे ही यह फैसला पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजयपाल ने सुनाया, पूरा न्यायालय परिसर चौंक गया। एक बार अपने कानों पर किसी को भरोसा नही हो रहा था। विशेष लोक अभियोजक वेदपाल सिंह के तो खुशी का ठिकाना उस समय नहीं था जब उनकी मेहनत से दोषी को फांसी की सजा मिली।
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