किस भाव पड़ेगा पंजाब में हर महिला को प्रतिमाह 1,000 रुपए देने का AAP का वादा ? जानिए
चंडीगढ, 24 नवंबर: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में सरकार बनने पर हर महिला वोटर को 1,000 रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया है। दिल्ली के सीएम ने उसी राज्य के लिए इतना बड़ा वादों का पिटारा खोला है, जहां सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू हाल ही में कह चुके हैं कि पंजाब देश का सबसे बड़ा कर्जदार राज्य बन चुका है और हालात नहीं सुधरे तो 'गृह युद्ध' तक की नौबत आ सकती है। बहरहाल, यह देखना जरूरी है एक पंजाब में सत्ता पर काबिज होने के लिए मचल रही पार्टी ने जो लोक-लुभावन वादा किया है, वह राज्य की जनता को क्या भाव पड़ने वाला है ?
नवजोत सिंह सिद्धू ने का दावा क्या है ?
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में दावा किया था कि पंजाब भारत का सबसे बड़ा कर्जदार राज्य है। राज्य पर कर्ज का बोझ इसकी जीडीपी का 50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा था कि पंजाब का जो खर्च है, उसका आधा हिस्सा महंगे कर्ज चुकाने में ही चला जाता है। उन्होंने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को सलाह दी है कि उधार लेना सही रास्ता नहीं है। सिद्धू तो राज्य की माली हालत की भयानकता बताते हुए यहां तक कह गए थे कि परिस्थितयां नहीं सुधरीं तो पंजाब गृह युद्ध की ओर बढ़ जाएगा। सीएजी रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा था कि 2024 तक पंजाब लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का कर्जदार हो जाएगा।
पंजाब पर कर्ज का बोझ
साल 2021-22 के बजट अनुमानों के मुताबिक राज्य का बकाया कर्ज बढ़कर लगभग 2.82 लाख करोड़ रुपए होगा। अगर इसमें 2020-21 की अवधि में जीएसटी मुआवजे के तहत मिलने वाले 8,359 करोड़ रुपए के लोन को जोड़ें तो भी यह 2.73 करोड़ रुपए रहेगा। साल 2019-20 में 5.74 लाख करोड़ रुपए के ग्रौस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट में प्रभावी बकाया कर्ज इसका 39.90 फीसदी था। वर्ष 2021-22 के लिए अनुमानित 6.07 लाख करोड़ रुपए के जीएसडीपी में बकाया कर्ज का हिस्सा 45% अनुमानित है। यानी यह आंकड़ा सिद्धू के डर के करीब ही इशारा कर रहा है।
पंजाब के आय-व्यय का अनुमानित हिसाब
चालू वित्त वर्ष में पंजाब को 1.62 लाख करोड़ रुपए की आय अनुमानित है। 2019-20 में यह 1.32 करोड़ रुपए था। वहीं इस वित्त वर्ष में 1.68 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है, जो कि 2019-20 में 1.34 लाख करोड़ रुपए रहा था। मौजूदा वित्त वर्ष में कर्ज चुकाने के लिए 38,000 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपए ब्याज पर और 18,000 करोड़ रुपए लोन के रीपेमेंट पर खर्च होना है। 2019-20 में इस मद में 30,000 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था।
सब्सिडी, लोकलुभावन योजनाओं का भार
2021-22 के बजट अनुमानों में पंजाब में सब्सिडी और लोक-लुभावन योजनाओं पर 10,621 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमानित प्रावधान रखा गया है। 2019-20 में इस मद में 9,394 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इन खर्चों में किसानों, उद्योगों की विभिन्न श्रेणियों, दलितों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का बकाया भुगतान शामिल है। ऊपर से सीएम चन्नी ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए इस महीने स्लैब के लिए 7 किलो वॉट तक हर महीने 3 रुपए प्रति यूनिट कम करने का ऐलान किया है, उससे जनता के खजाने पर 3,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। इसके अलावा पंजाब सरकार ने इसी महीने पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल पर 5 रुपए वैट घटाने का भी ऐलान किया है, जिससे राज्य के खजाने को सालाना 3,300 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। ऊपर से केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो उत्पाद शुल्क घटाया है, उससे भी हर वर्ष राज्य को 850 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसके अलावा भी कई स्कीम हैं, जो जनता के खजाने पर बोझ बढ़ा रहे हैं।
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पंजाब को क्या भाव पड़ेगा 'आप' का वादा ?
चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में महिला वोटरों (18 साल से अधिक उम्र की महिला) की संख्या 96.19 लाख थी। 2022 के विधानसभा चुनाव का वोटर लिस्ट अभी जारी नहीं हुआ है। लेकिन, आम आदमी पार्टी का अनुमान है कि उसके वादे से प्रदेश की 1 करोड़ महिलाओं को फायदा होगा। अगर आम आदमी पार्टी इन वादों के दम पर सरकार बनाने में सफल हो जाती है और वह हर महिला वोटरों को हर महीने 1,000 रुपए उनके खातों में ट्रांसफर करने का वादा भी पूरा करती है तो इसका मतलब पंजाब के खजाने से हर महीने 1,000 रुपए अतिरिक्त की निकासी होगी। यानी सालाना 12,000 करोड़ रुपए पंजाब की महिलाओं को मिलेंगे, चाहे उन्हें इसकी दरकार हो या ना हो।