पंजाब: कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों से क्या बिगड़ सकता है पार्टी का खेल, जानिए क्या है पूरा मामला?
चंडीगढ़, 27 जनवरी 2022। विधानसभा चुनाव को पंजाब में सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुईं हैं, सियासी दलों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों को लेकर पंजाब में विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। इनमे सुखपाल खैरा, सिंगर सिद्धू मूसेवाला और सिमरजीत बैंस का नाम शामिल है। विपक्षी दलों के नोताओं का आरोप है कि कांग्रेस ने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इससे कांग्रेस की पंजाब के लिए सोच ज़ाहिर होती है। हालांकि सुखपाल खैरा को पंजाब औऱ हरियाणा हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है। आइए जानते हैं किस नेता पर क्या आरोप लगा है।

ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुए थे गिरफ्तार
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सुखपाल खेरा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक साल पहले पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल नवंबर महीने में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स तस्करी के केस में अरेस्ट किया गया था। हालांकि आज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें ज़मानत दे दी है। कांग्रेस ने भुलत्थ विधानसभा सीट से सुखपाल सिंह खैहरा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस ने जब सुखपाल सिंह खैरा को उम्मीदवार घोषित किया था तो उन्होंने कहा था कि अगर ज़मानत नहीं मिली तो वे जेल से चुनावी ताल ठोकेंगे। गुरुवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें नियमित जमानत दे दी। सुखपाल सिंह खैरा पिछले साल जून में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह पुराने कांग्रेसी हैं लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। आप में मतभेद की वजह से पार्टी से इस्तीफ़ा देकर दोबारा से कांग्रेस में शामिल हो गए।

सिद्धू मूसेवाला पर भी दर्ज हुआ था केस
कांग्रेस ने अपनी सियासी जमीन मज़बूत करने के लिए मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को पार्टी की सदस्यता दिलाई और उन्हें मानसा उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। सिद्धू मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू है, वह मनसा जिला के मूसा गांव के रहने वाले हैं और उनकी मां एक गांव की मुखिया हैं। सिद्धू मूसेवाला को उम्मीदवार घोषित करते ही विपक्षी दलों ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया कि आपराधिक छवि के उम्मीदवारों को कांग्रेस टिकट दे रही है। कांग्रेस पंजाब में अपराध के बढावा दे रही है। इस तरह के कई दिनों तक विवाद भी हुआ था। आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जब मुख्यमंत्री थे उस दौरान सिद्धू मूसेवाला पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। पंजाब पुलिस ने पिछले साल सिद्धू मूसेवाला को अपने गाने में हिंसा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। कोविड -19 महामारी के दौरान एके-47 राइफल से फायरिंग करते हुए उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन पर एक औऱ मामला दर्ज किया गया। सिद्धू मूसेवाला के ऊपर आईपीसी की धारा 18188/294/504 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था।

सिमरजीत बैंस पर भी गंभीर आरोप
लुधियाना से विधायक सिमरजीत बैंस को प्रत्याशी घोषित करने पर भी विपक्षी दलों ने कांग्रेस को काफ़ी घेरा था। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना था किर रेप के गंभीर मामले में सिमरजीत बैंस पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया, कांग्रेस ने उसे टिकट दिया। हाल ही में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने फिर इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है। आपको बता दें कि 4 अगस्त को विधायक सिमरजीत बैंस पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि उसके साथ एक अक्टूबर तक कई बार दुष्कर्म हुआ है औऱ पुलिस मामले में संज्ञान नहीं ले रही है। अदालत में एक याचिका डालकर केस दर्ज करने की मांग की गई। वहीं अदालत ने पुलिस जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही। इन्हीं सब मुद्दों पर पंजाब में के सियासी जानकारों का कहान है कि सभी सियासी दलों के नेताओं का एक दूसरे आरोप प्रत्यारोप सिर्फ़ चुनावी स्टंट हैं। सभी पार्टी में किसी एक उम्मीदवार पर कोई मामला दर्ज ही है चाहे वह छोटा ही मामला क्यों न हो। इस बार सियासी समीकरण बिल्कुल बदल चुके हैं। यहां उम्मीदवारों के आरोप से ज़्यादा जनता के मुद्दे ज्यादा अहमियत रख रहे हैं। इस तरह के आरोपों से किसी भी पार्टी को कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है।
ये भी पढ़ें: पंजाब: SAD के तीन दिगग्ज चेहरे इन विधानसभा सीटों से लड़ेगे चुनाव, जानिए कैसा रहा है इनका सियासी सफ़र