पंजाब में आज से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खुले, विद्यार्थी बोले- हमें हाथ नहीं मिलाने, 2 गज दूर रहेंगे
अमृतसर। पंजाब प्रांत में आज से सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल गए हैं। ऐसे में विद्यार्थी अपने मुंह पर मास्क लगाकर स्कूल पहुंच रहे हैं। इस दौरान उनसे सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के लिए भी कहा जा रहा है। स्कूलों शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं अन्य कर्मचारियों के मुंह पर भी मास्क नजर आ रहे हैं। आज अमृतसर में एक स्कूल की 5वीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि, "हमें शिक्षकों ने कहा है कि स्कूल में किसी से हाथ नहीं मिलाने हैं और दूरी बनाकर रखनी है।"
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ड्रम बजाकर स्कूलोत्सव की शुरुआत हुई
छात्रा ने कहा कि, "हमें स्कूल आकर बहुत अच्छा लग रहा है। अब रोजाना पढ़ने आ सकेंगे।" बता दिया जाए कि, जुलाई महीने में ही पंजाब-हरियाणा समेत 9 राज्यों में 9वीं से उूपर की कक्षाओं के बच्चे स्कूल जाने लगे थे। पिछले महीन से ही सरकार ने बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूलों आॅफलाइन पढ़ाई शुरू करवा दी। बहरहाल, अभिभावकों की अनुमति से बच्चे अपने-अपने स्कूलों में जा रहे हैं तो वहां उनका स्वागत किया जा रहा है। लुधियाना में हालांकि पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चों की संख्या 10 से 15% ही रही, लेकिन उत्साह गजब का दिखा। बच्चों के स्वागत में ड्रम बजाकर स्कूलोत्सव की शुरुआत हुई।
बच्चों और स्टाफ की स्कूल में होने की खुशी
स्कूल आ रहे बच्चों का कई स्कूलों में बच्चों का हार पहनाकर शुभ-आगमन हुआ, तो कहीं स्टाफ ने बैंडा-बाजे और ढोल बजाकर स्वागत किया। लुधियाना के एक स्कूल में इस दौरान शिक्षिकाओं ने भी वेलकम वाले स्टीकर हाथों में ले रखे थे।
अब बच्चों का टाइम खराब नहीं होगा
एक शिक्षिका ने कहा कि, सूबे में पिछले 4 महीने से बंद सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ाई फिर से शुरू हो गई है। अब बच्चों का टाइम खराब नहीं होगा। हालांकि, काफी माता-पिता अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते।
तीसरी लहर को लेकर सख्ती,कटेंगे चालान
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। जिसमें सभी सीएमओ और पुलिस अधिकारियों को गाइडलाइन का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने को कहा गया।
4 महीने बाद स्कूल पहुंचने पर बच्चों का बैंड-बाजे से किया गया स्वागत, टीचर्स ने कहा- वेलकम
निर्देश दिए गए हैं कि, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, मोहाली, फिरोजपुर जैसे बड़े शहरों में कड़े कदम उठाए जाएं।