अंबिका सोनी ने CM पद स्वीकार करने से किया इनकार, बोलीं- सिख चेहरा होना चाहिए पंजाब का मुखिया
पंजाब में फंसा पेंच, अंबिका सोनी ने मुख्यमंत्री बनने से किया इनकार- सूत्र
चंडीगढ़, 19 सितंबर। पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान का परिणाम आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के रूप में सामने आया है। शनिवार को उन्होंने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफे के बाद अब कई नाम नए मुख्यमंत्री के रूप में सामने आ रहे हैं, जिसमें से एक कांग्रेस नेता और गांधी परिवार की वफादार मानी जाने वालीं अंबिका सोनी का भी नाम शामिल था। हालांकि इन अटकलों को खारिज करते हुए अंबिका सोनी स्पष्ट कर दिया कि वह पंजाब की सीएम नहीं बनना चाहतीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक सिख नेता को ही बनाया जाना चाहिए। इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद भी सीएम पद के लिए अपने नाम की सिफारिश की है।
साल 1969 अंबिका सोनी को कांग्रेस में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लेकर आई थीं। उनके पिता विभाजन के दौरान अमृतसर के जिला कलेक्टर थे और नेहरू के साथ मिलकर काम करते थे। अंबिका सोनी ने संजय गांधी के साथ भी काम किया और पार्टी के फ्रंटल संगठनों का नेतृत्व किया। अंबिका सोनी पंजाब के होशियारपुर जिले की रहने वाली हैं और कई बार पंजाब से राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं। इस बात की सबसे अधिक संभावना थी कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की पहली पसंद होंगी क्योंकि वह पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ नए और पुराने के नेतृत्व मिश्रण को संतुलित कर सकती हैं। पार्टी में अंबिका सोने के कद को देखते हुए, मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति के खिलाफ कांग्रेस को ज्यादा विरोधों का सामना करने की भी कम संभावना थी।
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रविवार को संवादाताओं से बाद करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अंबिका सोनी ने पंजाब की मुख्यमंत्री का पद संभालने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कांग्रेस हाई कमान मेरी इस अपील को स्वीकार करेगा। पंजाब का मुखिया एक सिख चेहरा ही होना चाहिए। इस बीच विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर चंडीगढ़ में सुनील जाखड़ से मुलाकात के बाद कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह वैद ने कहा, हम सोनिया गांधी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, इसके तुरंत बाद सीएलपी की बैठक में फैसला लिया जाएगा।