भगवंत मान का पहला मंत्रिमंडल विस्तार आज, कई नए चेहरों को मिल सकती है जगह
चंडीगढ़,04 जुलाई। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार आज होने जा रहा है। नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आज शाम को 5 बजे राजभवन में होगा। इस बीच नए मंत्रियों के नाम पर चर्चा चल रही है, कौन से नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे इसपर चर्चा जोरों पर चल रही है। बता दें कि पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली गए थे और यहां पर उन्होंने पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो इस बैठक के दौरान कैबिनेट विस्तार पर इस दौरान चर्चा हुई थी और कुछ नामों का जिक्र किया गया था।

वहीं अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बारे में जब भगवंत मान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई, यह हम पंजाब में तय करेंगे। शुक्रवार को हुई इस बैठक के बाद शनिवार को यह खबर सामने आई कि भगवंत मान सरकार अपना कैबिनेट विस्तार करने जा रही है। गौर करने वाली बात है कि यह कैबिनेट विस्तार ऐसे समय में होने जा रहा है जब हाल ही में हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को संगरूर लोकसभा सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा था। यही नहीं जल्द ही पंजाब में निकाय चुनाव भी होने हैं।
ऐसे हालात में द्वाबा और माझा इलाकों को आम आदमी पार्टी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दे सकती है क्योंकि मौजूदा समय में अधिकतर मंत्री मालवा क्षेत्र से हैं। सूत्रों के अनुसार आज 5-6 मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जिसमे एक महिला विधायक के भी शामिल होने की संभावना है। फिलहाल डॉक्टर बलजीत कौर एकमात्र महिला विधायक हैं जिन्होंने भगंवत मान सरकार में जगह मिली ह। माना जा रहा है कि जीवनजोत कौर या सर्वजीत कौर को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
सूत्रों के अनुसार अममन अरोड़ा का नाम सबसे आगे चल रहा है जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। यही नहीं इस बात की भी खबर सामने आई है कि कुछ मंत्रियों के मंत्रालय में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके अलावा इंदरबीर सिंह निज्जर, फौजा सिंह सरारी,चेतन सिंह को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भगवंत मान सरकार ने 10 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी थी। स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद मंत्रिमंडल में 9 मंत्रीही बचे हैं। अगर 5 और मंत्रियों को जगह मिलती है तो प्रदेश में मुख्यमंत्री को मिलाकर मंत्रियों की कुल संख्या 15 पहुंच जाएगी।