पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई कड़ी फटकार, कहा- ड्रग्स मामले में क्यों नहीं हुई कार्रवाई
पंजाब सरकार को 6 हजार करोड़ के ड्रग्स केस में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। पंजाब सरकार के वकीलों से हाईकोर्ट में ने कहा कि हाईकोर्ट में STF की सीलबंद रिपोर्ट पड़ी है, जिसे खोलने पर कोई रोक नहीं है।
चंडीगढ़,
6
दिसंबर,
2021।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
ड्रग्स
का
मामला
सभी
सियासी
दलों
के
लिए
चुनावी
मुद्दा
बना
हुआ
है।
हाल
ही
में
नवजोत
सिंह
सिद्धू
ने
ड्रग्स
मामले
अपने
ही
सरकार
पर
निशाना
साधा
था।
आज
पंजाब
सरकार
को
6
हजार
करोड़
के
ड्रग्स
केस
में
पंजाब
एवं
हरियाणा
हाईकोर्ट
ने
कड़ी
फटकार
लगाई
है।
पंजाब
सरकार
के
वकीलों
से
हाईकोर्ट
में
ने
कहा
कि
हाईकोर्ट
में
एसटीएफ़
की
सीलबंद
रिपोर्ट
पड़ी
है,
जिसे
खोलने
पर
कोई
रोक
नहीं
है।
हाईकोर्ट
ने
यह
भी
पूछा
कि
इस
मामले
में
हाईकोर्ट
की
तरफ
से
कोई
रोक
नहीं
है
तो
फिर
सरकार
की
तरफ़
से
अब
तक
एक्शन
क्यों
नहीं
लिया
गया।
इस
पर
हाईकोर्ट
ने
कड़ा
रुख
एख्तियार
करते
हुए
पंजाब
सरकार
से
सवाल
किया
कि
सीलबंद
रिपोर्ट
खोलने
पर
हाईकोर्ट
को
आपत्ती
नहीं
है
तो
फिर
रिपोर्ट
को
खोल
कर
अभी
तक
कार्रवाई
क्यों
नहीं
की
गई?
हालांकि
इस
मामले
में
पंजाब
सरकार
हाईकोर्ट
के
फ़ैसले
का
इंतजार
कर
रही
है।
9
दिसंबर
को
होगी
अगली
सुनवाई
पंजाब
में
6
हज़ार
करोड़
रुपये
के
ड्रग्स
मामले
की
अगली
सुनवाई
9
दिसंबर
को
होगी।
उसी
दिन
एसटीएफ
की
सीलबंद
रिपोर्ट
को
खोलने
पर
फैसला
आ
सकता
है।
एडवोकेट
नवकिरन
सिंह
के
मुताबिक
पिछले
एडवोकेट
जनरल
का
कहना
था
कि
हमें
हाईकोर्ट
के
आदेश
का
इंतजार
करना
चाहिए।
वहीं,
नए
एजी
और
दिल्ली
से
आए
वकीलों
ने
कहा
कि
इस
पर
कोई
रोक
नहीं
है।
जिसके
बाद
हाईकोर्ट
ने
सरकार
पर
ही
सवाल
उठाते
हुए
पंजाब
सरकार
को
फटकार
लगाई।
पूर्व
अकाली
मंत्री
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
ने
इस
केस
में
उन्हें
पार्टी
बनाने
के
लिए
कहा
है।
मजीठिया
का
कहना
है
कि
एसटीएफ
की
जांच
रिपोर्ट
हाईकोर्ट
में
सीलबंद
है।
इसके
बावजूद
विरोधी
और
खासकर
पंजाब
कांग्रेस
के
प्रधान
नवजोत
सिद्धू
इसमें
उनका
नाम
होने
का
दावा
कर
रहे
हैं।
ग़ौरतलब
है
कि
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
इस
मुद्दे
पर
अपने
सरकार
पर
सवलिया
निशान
खड़ा
करते
रहे
हैं।
पंजाब की सियासत में बड़ा उलट फेर कर सकती है कैप्टन और शाह की जोड़ी, ढींढसा भी आ सकते हैं साथ
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
ने
उठाए
सवाल
पूर्व
अकाली
मंत्री
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
ने
पूछा
कि
सिद्धू
को
कैसे
पता
कि
उसमें
मेरा
नाम
है।
इसलिए
उनके
खिलाफ
साजिश
रची
जा
रही
है।
उन्होंने
वकील
के
जरिए
मांग
की
कि
किसी
तरह
की
कार्रवाई
से
पहले
उनका
भी
पक्ष
सुना
जाए।
हालांकि
कोर्ट
में
उनके
वकीलों
की
दलीलें
नहीं
टिकी।नवजोत
सिद्धू
लगातार
STF
रिपोर्ट
का
मुद्दा
उठाते
रहे
हैं।
सिद्धू
का
कहना
है
कि
उसमें
ड्रग्स
तस्करों
के
साथ
मजीठिया
की
साठगांठ
का
जिक्र
है।
सिद्धू
इस
मामले
में
मरणव्रत
पर
बैठने
तक
की
चेतावनी
दे
चुके
हैं।
हालांकि
पिछले
दिनों
दिल्ली
में
राहुल
गांधी
के
साथ
हुई
मीटिंग
के
बाद
सिद्धू
के
सुर
बदले
हैं।
वह
सरकार
से
टकराने
की
बजाय
अब
विरोधियों
के
खिलाफ
राजनीतिक
मोर्चा
खोलकर
बैठे
हैं।हाल
ही
में
उन्होंने
ड्रग्स
के
मुद्दे
पर
सीएम
चन्नी
पर
निशाना
साधा
था,
उसके
बाद
उन्होंने
एसटीएफ
की
रिपोर्ट
सार्वजनिक
नहीं
करने
के
मामले
पर
डिप्टी
सीएम
सुखजिंदर
सिंह
रंधावा
पर
हमलाव
बोला।
ग़ौरतलब
है
कि
एसटीएफ
रिपोर्ट
सार्वजनिक
नहीं
करने
के
मुद्दे
पर
सिद्धू
आमरण
अनशन
पर
बैठने
की
चेतावनी
दे
चुके
हैं।
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