पंजाब: SAD की कई कोशिशों के बाद भी नहीं मान रहे किसान, सुखबीर सिंह बादल का लगातार हो रहा विरोध
पंजाब विधानसभा चुनाव की वजह से ज़्यादातर सियासी पार्टियों को किसानों की नाराज़गी का शिकार होना पड़ रहा है। आए दिन किसान संगठन किसी न किसी सियासी दल का विरोध करते नज़र आ ही जाते हैं।
चंडीगढ़,
सिंतबर
16,
2021।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
की
वजह
से
ज़्यादातर
सियासी
पार्टियों
को
किसानों
की
नाराज़गी
का
शिकार
होना
पड़
रहा
है।
आए
दिन
किसान
संगठन
किसी
न
किसी
सियासी
दल
का
विरोध
करते
नज़र
आ
ही
जाते
हैं।
वहीं
शिरोमणि
अकाली
दल
की
किसानों
को
मनाने
की
लगातार
कोशिशों
के
बाद
भी
किसान
संगठनों
के
विरोध
का
सामना
करना
पड़ा
रहा
है।
वीरवार
को
दिल्ली
जा
रहे
शिरोमणि
अकाली
दल
के
अध्यक्ष
सुखबीर
सिंह
बादल
का
हिसार
टोल
पर
किसानों
ने
विरोध
किया।
सुखबीर
सिंह
बादल
के
काफ़िले
को
रुकवाकर
किसानों
ने
नारेबाजी
की
और
काले
झंडे
दिखाए।
2
सितंबर
को
पंजाब
के
मोगा
में
हुई
अकाली
दल
की
रैली
में
किसानों
पर
हुए
लाठीचार्ज
की
वजह
से
किसानों
ने
विरोध
प्रदर्शन
किया।
SAD
अध्यक्ष
के
ख़िलाफ़
फिर
नारेबाज़ी
शिरोमणि
अकाली
दल
के
अध्यक्ष
सुखबीर
बादल
वीरवार
को
दोपहर
में
अपने
काफ़िले
के
साथ
दिल्ली
जा
रहे
थे।
जब
उनका
काफ़िला
हिसार
के
रामायण
टोल
पर
पहुंचा
तो
वहां
आंदोलन
कर
रहे
किसानों
ने
सुखबीर
सिंह
बादल
के
काफिले
को
घेर
लिया
और
काले
झंडे
दिखाते
हुए
नारेबाजी
शुरू
कर
दी।
किसानों
ने
विरोध
करते
हुए
उस
लेन
को
भी
बंद
कर
दिया,
जिससे
सुखबीर
के
काफिले
को
गुजरना
था।
रास्ता
बंद
हो
जाने
की
वजह
से
सुखबीर
सिंह
बादल
काफ़ी
देर
तक
टोल
पर
ही
फंसे
रहे।
विरोध
प्रदर्शन
के
बीच
में
सुखबीर
सिंह
बादल
के
साथ
चल
रही
एस्कार्ट
की
गाड़ियों
से
जवान
उतरे
और
काफ़ी
मशक्कत
के
बाद
रास्ता
खाली
करवाया।
'लाठीचार्ज
के
लिए
माफ़ी
मांगे
सुखबीर
बादल'
प्रदर्शन
कर
रहे
किसानों
ने
बताया
कि
2
सितंबर
को
मोगा
में
शिरोमणि
अकाली
दल
के
अध्यक्ष
सुखबीर
सिंह
बादल
की
रैली
थी।
रैली
में
किसानो
ने
शिअद
अध्यक्ष
का
विरोध
किया
तो
उन
पर
लाठीचार्ज
किया
गया
जिसमें
कई
किसान
भाई
घायल
हुए
थे।
इसी
वजह
से
नाराज़
किसानो
ने
सुखबीर
सिंह
बादल
को
काले
झंडे
दिखाए
और
उनके
ख़िलाफ़
नारेबाज़ी
भी
हुई।
किसानों
ने
कहा
कि
बादल
परिवार
एक
तरफ़
तो
किसानों
के
पक्ष
में
मोदी
मंत्रिमंडल
से
इस्तीफ़ा
मांगने
का
ढोंग
करता
है
और
दूसरी
तरफ़
पंजाब
की
कांग्रेस
सरकार
से
किसानों
पर
लाठीचार्ज
करवाता
है।
किसानों
के
का
कहना
है
जब
तक
मोगा
में
किसानों
पर
हुए
लाठीचार्ज
पर
सुखबीर
बादल
किसानों
से
माफ़ी
नहीं
मांगते
हैं
तब
तक
उनके
ख़िलाफ़
इसी
तरह
से
प्रदर्शन
किया
जाएगा।
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पहले
भी
किसानों
ने
किया
था
विरोध
प्रदर्शन
इससे
पहले
भी
एक
दिन
किसानों
ने
रामायण
टोल
पर
ही
शिरोमणि
अकाली
दल
अध्यक्ष
सुखबीर
सिंह
बादल
का
विरोध
किया
था।
लेकिन
सुखबीर
सिंह
बादल
को
गाड़ी
से
नीचे
उतरते
देखकर
किसानों
ने
उसी
वक़्त
उनसे
अफ़सोस
ज़ाहिर
कर
लिया
था।
किसानों
ने
उस
वक़्त
कहा
था
कि
एस्कॉर्ट
गाड़ियां
वगैरह
देखकर
उन्हें
लगा
कि
हरियाणा
सरकार
का
कोई
नेता
आ
रहा
है
और
इसी
ग़लतफ़हमी
में
उन्होंने
विरोध
किया।
हालांकि
वीरवार
को
काफिला
सुखबीर
सिंब
बादल
का
ही
है
कन्फ़र्म
करने
के
बाद
किसानो
ने
विरोध
प्रदर्शन
किया।
आपको
बता
दें
कि
केन्द्र
सरकार
की
तरफ़
से
से
लाए
गए
तीन
कृषि
कानूनों
के
विरोध
में
पिछले
दस
महीनों
से
रामायण
टोल
पर
किसान
आंदोलनरत
हैं।
किसानों
ने
यहां
हरियाणा
के
उप
मुख्यमंत्री
दुष्यंत
चौटाला,
डिप्टी
स्पीकर
रणबीर
गंगवा,
भारतीय
जनता
पार्टी
हरियाणा
के
अध्यक्ष
ओमप्रकाश
धनखड़,
विधायक
जोगीराम
सिहाग,
राज्यसभा
सांसद
रामचंद्र
जांगड़ा
और
भाजपा
विधायक
कमल
गुप्ता
का
विरोध
कर
चुके
हैं।
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