3 दिन पहले भाई की शादी में नहीं गए गुरतेज सिंह, चीनियों को मुंहतोड़ जवाब देकर हुए शहीद
चंडीगढ़। लद्दाख प्रांत की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों संग सोमवार रात हुए टकराव में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। जिनमें से कई जवान ऐसे हैं, जिनकी उम्र 21 से 25 साल के बीच थी। पंजाब स्थित मानसा के रहने वाले गुरतेज सिंह महज 23 साल के थे। 15-16 जून की रात चीनियों द्वारा धोखे से वार किया गया, जिसमें गुरतेज भी लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।
तीन भाइयों में सबसे छोटे थे
गुरतेज सिंह मानसा जिले के गांव वीरे वाला डोकरा से थे। कुछ बरस पहले ही वह सेना में भर्ती हुए थे। चीन से टकराव से तीन दिन पहले ही उनके बड़े भाई की शादी हुई, लेकिन सीमा पर जारी तनाव की वजह से गुरतेज उस शादी में शामिल नहीं हो पाए थे। बताया जा रहा है कि, गुरतेज सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। वह पहली बार लेह-लद्दाख के इलाके में तैनात किए गए थे।
पंजाब राज्य में शोक
सैन्य अधिकारियों की ओर से परिजनों को बताया गया है कि, गुरतेज का पार्थिव शरीर एक-दो दिन बाद उसके गांव पहुंचाया जा सकता है। उनके घरवालों को फोन कर बताया गया था कि, गुरतेज उन 20 जवानों में शामिल हैं, जो शहीद हुए हैं। शहादत की यह खबर मिलने के बाद से न सिर्फ गांव और मानसा जिले में, बल्कि पूरे पंजाब राज्य में शोक का माहौल है।
'मारते-मारते शहीद हुए हमारे जवान, व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान'
21 साल के अंकुर भी शहीद हुए
गुरतेज के साथ ही हमीरपुर जिले के 21 साल के अंकुश ठाकुर भी शहीद हो गए। अंकुश उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता के रहने वाले थे। अंकुश की शहादत की खबर सेना मुख्यालय से ग्राम पंचायत कड़ोहता को फोन द्वारा दी गई। जिसके बाद हमीरपुर में शोक की लहर दौड़ गई।