हाईकमान ने अभी तक नहीं मंजूर किया सिद्धू का इस्तीफा, परगत बोले- कुछ गलतफहमियां, जल्द सुलझा लेंगे मुद्दे
नई दिल्ली, 28 सितंबर: कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में सब कुछ सही होता नजर आ रहा था, लेकिन मंगलवार को एक नया ट्विस्ट आया, जहां नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से सिद्धू का खेमा परेशान है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार देर शाम पटियाला में कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा सिद्धू के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने साफ किया है कि अभी तक सिद्धू का इस्तीफा हाईकमान ने स्वीकार नहीं किया है।
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सिद्धू से मुलाकात के बाद राजा और परगट सिंह ने कहा कि कुछ छोटे मुद्दे पार्टी में हैं। इसके अलावा कुछ गलतफहमियां भी पैदा हो गई थीं। इन सभी मुद्दों को बुधवार तक सुलझा लिया जाएगा। उनके अलावा कांग्रेस विधायक बावा हेनरी ने कहा कि अभी तक पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से सिद्धू का इस्तीफा नहीं स्वीकार किया गया है। 3-4 मुद्दे हैं, जिस पर पार्टी फोरम में चर्चा हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही आलाकमान उसका हल निकाल लेगा।
वहीं कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि हम नवजोत सिंह सिद्धू से अनुरोध करेंगे कि वो अपना इस्तीफा वापस लें। इसके साथ ही हम पार्टी हाईकमान से निवेदन करते हैं कि एक अच्छा नेता हमें पंजाब में मिला है, आप इनकी शिकायतों का निवारण करें। हालांकि सिद्धू अभी मानने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि उनके समर्थकों के इस्तीफे का दौर जारी है। मंगलवार को गौतम सेठ और योगिंदर ढींगरा समेत कई नेताओं ने पार्टी के अहम पदों से इस्तीफा दे दिया।
कैप्टन का दावा- मैं सिद्धू को बचपन से जानता हूं, वो दूसरी पार्टी में जाने के लिए तैयार कर रहे जमीन
क्या
है
नाराजगी
की
वजह?
राजनीतिक
विश्लेषकों
के
मुताबिक
कैप्टन
के
हटने
के
बाद
सिद्धू
खुद
को
सीएम
पद
का
दावेदार
मान
रहे
थे,
लेकिन
पार्टी
ने
चन्नी
को
मौका
दे
दिया।
इसके
बाद
सुखजिंदर
सिंह
रंधावा
को
डिप्टी
सीएम
बना
दिया
गया।
सिद्धू
और
रंधावा
दोनों
जाट
सिख
हैं।
रंधावा
के
डिप्टी
सीएम
होने
से
सिद्धू
को
खतरा
नजर
आ
रहा
है।
इसके
अलावा
विभागों
के
बंटवारे
में
सिद्धू
की
ज्यादा
नहीं
चली।
इन
सब
मुद्दों
को
लेकर
उन्होंने
इस्तीफा
दिया
है।
हालांकि
सिद्धू
ने
साफ
किया
कि
वो
पार्टी
में
बने
रहेंगे,
साथ
ही
कार्यकर्ता
की
तरह
मन
से
काम
करते
रहेंगे।