सियाचिन में शहीद हुआ पंजाब का लाल, शहादत पर पत्नी ने कही ये बातें
गुरदासपुर। सियाचिन ग्लेशियन में आए बर्फीले तूफान में गुरदासपुर कस्बा फतेहगढ़ चुरीआ के रहने वाले जवान मनिंदर सिंह भी शहीद हो गए थे। 12 साल पहले तीन पंजाब रेजिमेंट में भर्ती होने वाले मनिंदर सिंह की पांच साल पहले शादी हुई थी। वह पिछले 4 महीने से लेह के सियाचिन ग्लेशियर में 102 ब्रिगेड में डयूटी कर रहे थे।
पैतृक कस्बे में होगा अंतिम संस्कार
शहीद मनिंदर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक कस्बा फतह गढ़ चूड़ियां में लाया जाएगा और सरकारी सम्मानों के साथ उनका अंतिम सस्कार किया जाएगा। शहीद अपने पीछे अपनी पत्नी और पांच साल के बेटे को छोड़ गए हैं। शहीद के माता पिता का पहले ही देहांत हो चुका है।
साथियों को बचाने गए थे मनिंदर
वहीं, सेना में रह कर देश की सेवा कर रहे शहीद मनिंदर के भाई गुरविंदर ने बताया कि सुबह उनको फोन पर जानकारी मिली थी कि उनका भाई मनिंदर शहीद हो गया है। डोगरा रेजिमेंट के जवान जिनकी सेहत ठीक नहीं थी, मनिंदर उनको अपने आठ साथियों समेत नीचे बेस कैंप में छोड़ने आ रहे थे, तभी अचानक आए बर्फीले तूफान ने उनको घेर लिया और वह बर्फ के नीचे दब गए।
क्या कहती हैं शहीद की पत्नी
शहीद मनिंदर की पत्नी ने कहा कि उनको अपने पति की शहादत पर गर्व है। वह अपने पांच साल के बेटे को भी देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती करवाएंगी। वहीं, कस्बे के एमसी सतनाम सिंह का कहना है कि हमारे कस्बे के बेटे मनिंदर की देश के लिए दी गई शहादत पर पूरे कस्बे के लोगों को गर्व है। वहीं, उन्होंने कहा के हमें अपने शहीदों की शहादत को कभी भुलाना नहीं चाहिए और हमेशा शहीदों के परिवार के साथ खड़े रहना चाहिए।
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