पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू को माली के बाद डॉ. गर्ग ने दिया झटका, पद से इस्तीफ़ा देने की बताई ये वजह
पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान पर वीराम लगने के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को उनके सलाहकार ने ज़बरदस्त झटका दिया है।
चंडीगढ़, सितंबर 23, 2021। पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान पर वीराम लगने के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को उनके सलाहकार ने ज़बरदस्त झटका दिया है। फरीद यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. प्यारे लाल गर्ग ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के सलाहकार के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। ग़ौरतलब है कि इससे पहले विवादित टिप्पणी के बाद मालविंदर सिंह माली ने नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार के पद से इस्तीफ़ा चुके हैं। डॉ. प्यारे लाल गर्ग जाने माने सर्जन के साथ-साथ एजुकेशन एक्टिविस्ट भी हैं।
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
ने
दिया
इस्तीफ़ा
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
ने
चिट्ठी
के
ज़रिए
अपने
फैसले
के
बारे
में
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
को
बता
दिया
है।
सूत्रों
की
मानें
तो
पत्र
में
कहा
गया
है
कि
नवजोत
सिंह
सिद्धू
कांग्रेस
में
नए
विचार
लाने
वाले
व्यक्ति
हैं,
उनके
खिलाफ
ग़लत
ख़बरों
को
फैलाकर
उन्हें
देश
से
बाहर
निकालने
की
साजिशें
रची
जा
रही
हैं।
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
ने
कहा
कि
ऐसे
लोग
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
बहाने
उनकी
भी
आवाज
को
दबाने
में
लगे
हुए
हैं।
इसलिए
उन्होंने
जो
सलाहकार
बनने
की
सहमति
दी
थी
वह
वापस
लेते
हैं।
साथ
ही
उन्होंने
कहा
कि
उम्मीद
करता
हूं
कि
नवजतोत
सिंह
सिद्धू
अपनी
गंभीर
योजनाओं
पर
अमल
करने
में
कामयाब
होंगे।
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
ने
कहा
कि
वह
पंजाब
के
हितों,
मजबूत
संघवाद
और
समानता
के
लिए
लंबे
अरसे
से
आवाज़
उठाते
रहे
हैं।
वह
इन
मुददों
पर
बोलना
बंद
नहीं
करेंगे।
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विरोधियों
के
निशाने
पर
थे
गर्ग
और
माली
आपको
बता
दें
कि
मालविंदर
सिंह
माली
और
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
विवादित
टिप्पणी
के
कारण
विरोधियों
के
निशाने
पर
थे।
इसको
लेकर
पंजाब
में
राजनीति
गरमा
गई
थी।
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
को
उन्हें
तलब
करना
पड़ा
था।
मालविंदर
सिंह
माली
के
बाद
अब
डॉ.
प्यारे
लाल
गर्ग
ने
भी
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
सलाहकार
का
पद
छोड़
दिया
है।
विवादों
में
घिरने
के
बाद
पंजाब
कांग्रेस
के
अध्यवक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
सलाहकार
मालवदिंर
माली
ने
अपना
इस्तीिफा
दे
दिया
था
।
अपने
विवादित
बयानों
की
वजह
से
माली
विपक्ष
के
साथ-साथ
कांग्रेस
नेताओं
के
निशाने
पर
भी
आ
गए
थे।
पंजाब
कांग्रेस
प्रभारी
हरीश
रावत
ने
मालविंदर
सिंह
माली
को
तुरंत
हटाने
के
लिए
नवजोत
सिंह
सिद्धू
को
कहा
था।
माली
ने
कई
नेताओं
पर
लगाए
थे
आरोप
मालविंदर
माली
ने
अपने
फेसबुक
पर
एक
पोस्ट्
डालकर
कहा
था
कि
नवजोत
सिद्धू
ने
मुझे
सलाहकार
बनाने
की
जो
सहमति
ली
थी
मैं
उसे
वापस
लेता
हूं।
उन्होंने
लिखा
कि
'वह
पंजाब
में
लंबे
अरसे
से
धार्मिक
अल्पसंख्यकों,
उत्पीड़ित
लोगों,
मानवाधिकारों,
लोकतंत्र
और
संघीय
ढांचे
के
लिए
लड़
रहे
हैं।
पंजाब
की
वर्तमान
राजनीति
बौद्धिक
दरिद्रता
की
शिकार
है,
जो
पंजाब
की
बेहतरी
के
लिए
सत्ता
पक्ष
के
ख़िलाफ़
किसी
बड़े
और
प्रभावी
बदलाव
को
बर्दाश्त
नहीं
करती
है।
उन्होंने
कहा
कि
वह
समान
विचारधारा
वाले
साथियों
और
ताक़तों
से
हाथ
मिला
कर
संकीर्णता
और
संकीर्णता
की
राजनीति
के
खिलाफ
अपना
संघर्ष
जारी
रखेंगे।
अपने
बयान
में
उन्होंने
मुख्यमंत्री
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह,
शिअद
नेता
सुखबीर
सिंह
बादल
और
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
पर
बड़े
आरोप
लगाए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
मेरा
कोई
जानी
नुकसान
होता
है
तो
इसके
लिए
ये
नेता
जिम्मेदार
होंगे।
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