2 साल पहले बिछड़े दिव्यांग को पंजाब पुलिस के टिकटॉक वीडियो ने तेलंगाना की फैमिली से मिलाया
लुधियाना। 2 साल पहले लापता हुए 57 साल के दिव्यांग शख्स को एक टिकटॉक वीडियो ने फिर से अपने परिवार से मिला दिया। तेलंगाना के रहने वाले उस दिव्यांग (नाम- वेंकटेश्वरलू) के बेटे को किसी ने पंजाब पुलिस के एक अधिकारी द्वारा बनाया गया वीडियो दिखाया था, जिसमें उसे खाना वितरित करते हुए रिकॉर्ड किया गया था। वायरल हो चुका वह वीडियो जब वेंकटेश्वरलू के बेटे आर. पेद्दिराजू और बेटी कनक दुर्गा ने देखा वे अपने पिता को पहचान गए। फिर क्या था, उन्होंने तुरंत पंजाब पुलिस से संपर्क किया। उसके बाद बेटा पेद्दिराजू लुधियाना आकर अपने पिता को वापस तेलंगाना ले गया। पिता को वापस पाकर वह बहुत खुश हुआ। परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू निकल आए।
टिकटॉक वीडियो ने बिछड़े बाप को बेटे-बेटी से मिलाया
तेलंगाना निवासी वेंकटेश्वरलू की बेटी कनक दुर्गा ने कहा कि, "हमने 2 साल बाद अपने पिता को देखा है।" वेंकटेश्वरलू कोथागुडेम जिले के भाद्रदरी के रहने वाले हैं। दिव्यांग होने के बावजूद वह मजदूरी करके परिवार पालते थे। 27 अप्रैल 2018 को वह रोज की तरह काम पर निकले थे। काम ढूंढने के लिए दूसरे गाँव जाने के लिए एक ट्रक में सवार हो गए। ट्रक में उन्हें नींद आ गई। बाद में ट्रक चालक ने उन्हें बीच रास्ते उतार दिया। जिससे वह अनजान इलाके में अकेले खड़े रह गए। कुछ समय बाद एक अन्य ट्रक चालक से लिफ्ट मांगी, जिसने उन्हें लुधियाना पहुंचा दिया।
2 साल पहले ऐसे लुधियाना पहुंच गए थे वेंकटेश्वरलू
लुधियाना वेंकटेश्वरलू के मूल राज्य तेलंगाना से सैकड़ों किलोमीटर दूर था। वापस जाने को पैसे नहीं थे, भूले-भटके वह लुधियाना में रहने लगे। यहां कुछ समय पहले एक फ्लाईओवर के नीचे पुलिस अधिकारी अजायब सिंह ने उन्हें खाना दिया। उसी दौरान एक वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया था। जिसमें वेंकटेश्वरलू धन्यवाद देते दिखे, हालांकि बोल या सुन नहीं सकते थे। अजायब सिंह का यह वीडियो टिकटॉक पर 12.4 मिलियन से अधिक बार देखा गया और 1.8 मिलियन से अधिक 'लाइक' के साथ वायरल हो गया।
पुलिस अधिकारी अजायब सिंह की नेकी काम आई
उसी मर्तबा वेंकटेश्वरलू को पहचानने वाले लोगों ने भी यह वीडियो देखा और परिजनों को बताया। तब वेंकटेश्वरलू के बेटे-बेटी ने अपने पापा को पहचान लिया। बहरहाल, हजारों लोग इस टिकटॉक वीडियो पर कमेंट्स कर अजायब सिंह की तारीफ कर रहे हैं। वहीं, लोग वेंकटेश्वरू के लिए भी शुभकामनाएं दे रहे हैं, क्योंकि उनके पहले परिवार से पुनर्मिलन की कहानी सामने आई है।
वापस मिलने की परिजनों की आस टूट चुकी थी
अपने टिकटॉक वीडियो के बारे में अजायब सिंह ने कहा कि, "मैं भी हैरान हूं, कैसे एक लापता शख्स को मेरी छोटी से कोशिश ने उसके परिवार से मिला दिया। इस वीडियो का उद्देश्य लोगों को वंचित तबके की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन इसने तो वेंकटेश्वरू को फिर से उसकी घरवापसी करा दी। जिन्हें दो साल से खोजा जा रहा था और उन्हें वापस पाने की परिजनों की आस भी टूट गई थी।"
वीडियो में पिता दिखे तो बेटा तेलंगाना से निकला
वेंकटेश्वरू के बेटे आर. पेद्दिराजू ने कहा- "जब मैंने टिकटॉक के वीडियो में अपने पापा को देखा तो मैं द्रवित हो उठा। क्योंकि, लंबे समय बाद वो पहली बार दिखे। हमने उन्हें तेलंगाना में पुलिस की मदद से खोजने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।" आर. पेद्दिराजू ने लॉकडाउन के दौरान ही अपने पिता की वापसी के लिए घर से चल पड़े। इसके लिए उन्होंने प्रशासन से विशेष अनुमति ली।
लुधियाना से वापस घर ले गया और कही ये बात
फिर, आर. पेद्दिराजू लुधियाना आए और मंगलवार को पिता को लेकर अपने गांव लौट गए। पिता को पाने के बाद आर. पेद्दिराजू ने कहा, "अब हम जो पहली चीज करेंगे, वो ये कि उन्हें घर बने गरम चावल खिलाएंगे।"
'गुजरात जिंदाबाद' और 'हम फिर वापस आएंगे' नारे लगाते हुए विदा हुए 1642 प्रवासी, VIDEO