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पंजाब: CM चन्नी की दिन पर दिन बढ़ रही चुनौतियां, मंत्रिमंडल विस्तार में पद पर फंसा पेंच, पढ़िए पूरा मामला

कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से हटने के बाद नए सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में दोआबा से किसे जगह दी जाए इसे लेकर अभी तक मंथन जारी है।

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चंडीगढ़, सितंबर 23, 2021। विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुट गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से हटने के बाद नए सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में दोआबा से किसे जगह दी जाए इसे लेकर अभी तक मंथन जारी है। दोआबा से मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे कैंट हलके के विधायक परगट सिंह और होशियारपुर के उड़मुड़ हलके के विधायक संगत सिंह गिलजियां चल रहे हैं। लेकिन संगठन में बड़े ओहदे पर होना इन दोनों की दावेदारी में मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बन्ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने संगत सिंह गिलजियां को कार्यकारी प्रधान और परगट सिंह को संगठन में महासचिव बनाया था। अब यही ओहदे इनके मंत्री बनने में सबसे बड़ा अड़ंगा बने हुए हैं।

कैप्टन के ख़िलाफ़ बग़ावत

कैप्टन के ख़िलाफ़ बग़ावत

कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए सिद्धू के साथ-साथ बग़ावत का झंडा बुलंद करने में परगट सिंह ने भी बराबर का साथ दिया था। संगत सिंह गिलजियां के साथ कैप्टन का 2007 के चुनाव से ही छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। उस वक़्त कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारे पर गिलजियां का टिकट काटा गया था। इसेक बाद गिलजियां आजाद उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे। इलाके में अच्छा रसूख रखने व समाज सेवा के चलते गिलजियां चुनाव जीते भी थे। उसके बाद कुछ कांग्रेस नेताओं ने गिलजियां और कैप्टन के साथ मतभेद ख़त्म करने की भी कवायद की थी। कैप्टन को सरकार बनाने के लिए कुछ विधायकों की जरूरत थी, लेकिन गिलजियां नहीं माने थे। उड़मुड़ स्थित फैक्ट्री से लेकर चंडीगढ़ तक कई बैठकों करने के बाद भी गिलजियां नहीं माने थे। यही वजह थी कि गिलजियां उसके बाद से ही कैप्टन के विरोधी गुट में शामिल रहे। यही वजह है कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने के बाद कार्यकारी प्रधान के रूप में गिलजियां का चुनाव किया था। गिलजियां ने भी हामी भर दी थी।

सिद्धू और परगट साथ में हुए कांग्रेस में शामिल

सिद्धू और परगट साथ में हुए कांग्रेस में शामिल

पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह के भी हालात कुछ इसी तरह का दिखा। जालंधर की सियासत में साढ़े चार सालों तक दबे रहने के बाद परगट सिंह ने भी अपना अस्तित्व बचाने के लिए कैप्टन के विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ा था। सिद्धू के साथ ही परगट सिंह ने कांग्रेस का दामन थामा था। हलके में विकास कार्यों को लेकर मेयर के खिलाफ कैप्टन से लेकर उनके प्रमुख सचिव रहे सुरेश कुमार तक के दरबार में परगट सिंह ने कई बार गुहार लगाकर तमाम काम करवाए हैं। सिद्धू के पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनने के बाद परगट को भी कैप्टन के विरोधी गुट का होने के चलते संगठन में महासचिव बनाया दिया था। अब बड़े उलटफेर के बाद गिलजियां और परगट सिंह दोनों ही मंत्री बनने की दौड़ में हैं, लेकिन संगठन में बड़े ओहदे होने के चलते उन्हें मंत्री बनाने को लेकर तकनीकी पेंच फंसा हुआ है। परगट की तरफ से मंत्री बनने को लेकर जोरदार लाबिंग की जा रही है। परगट सिंह इस बात को बख़ूबी जान रहे हैं कि छह महीने के लिए सही अगर मंत्री नहीं बने तो आगे शायद ही उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। दोनों नेताओं के करीबियों में इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है अगर पहले जल्दबाजी न की होती तो आज मंत्री बनने का रास्ता साफ होता।

अंबिका सोनी के क़रीबी हैं सुंदर शाम अरोड़ा

अंबिका सोनी के क़रीबी हैं सुंदर शाम अरोड़ा

पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कई मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है। इसमे एक नाम इंडस्ट्री एवं कामर्स मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा का भी शामिल है। इन्हीं की जगह पर दोआबा से किसी दूसरे चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। आपको बता दें कि सुंदर शाम अरोड़ा के अंबिका सोनी के साथ पुराने सियासी ताल्लुक़ात हैं। उन्हीं की सिफारिश पर सुंदर शाम अरोड़ा को कैप्टन के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। नवनियुक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दिल्ली में पहला मंथन अंबिका सोनी के साथ ही किया था। सुंदर शाम अरोड़ा के करीबियों की मानें तो अंबिका सोनी कभी नहीं चाहेंगी कि सुंदर शाम अरोड़ा को हटाया जाए। इसलिए नए मंत्रीमंडल में भी अरोड़ा बरकरार रह सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से सुंदर शाम अरोड़ा की जगह पर दोआबा से किसी अन्य को मंत्री बनाने की मांग की है।


ये भी पढ़ें: पंजाब: नवनियुक्त CM चन्नी का भी विरोध शुरू, 24 सितंबर को अध्यापक संघ कर सकता है CM आवास का घेराव

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English summary
Punjab CM Channi's challenges are increasing day by day, the screw in the post in the cabinet expansion, read the whole matter
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