पंजाब: CM चन्नी ने किया प्रशासनिक स्तर पर फेरबदल, जानिए अभी तक चन्नी के किस फ़ैसले पर हुआ अमल ?
पंजाब कांग्रेस में घमासान पर वीराम लगन के बाद नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुट गए हैं।
चंडीगढ़,
सितंबर
24,
2021।
पंजाब
कांग्रेस
में
घमासान
पर
वीराम
लगन
के
बाद
नवनियुक्त
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
सियासी
ज़मीन
मज़बूत
करने
में
जुट
गए
हैं।
साथ
ही
चन्नी
कैप्टन
के
करीबियों
को
भी
किनारे
लगाने
का
सिलसिला
शुरू
कर
दिया
है।
पंजाब
में
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
के
मुख्यमंत्री
पद
से
हटने
के
बाद
सूबे
के
नए
सीएम
चन्नी
ने
कैप्टन
सरकार
में
वरिष्ठ
पदों
पर
नियुक्त
अधिकारियों
की
छंटनी
का
फैसला
लिया
है।
पंजाब
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
अमरिंदर
सिंह
के
क़रीबी
रहे
प्रदेश
के
मुख्य
सचिव
विनी
महाजन
को
हटा
कर
अनिरुद्ध
तिवारी
को
पंजाब
का
नया
मुख्य
सचिव
बनाया
गया
है।
OSD तत्काल प्रभाव से हटाए गए
पंजाब सरकार ने मुख्य सचिव को हटाने के साथ-साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह के ज़रिए नियुक्त किए गए अन्य 13 ओएसडी को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। कैप्टन द्वारा किए गए राजनीतिक नियुक्तियों वाले ओएसडी को तमाम सरकारी सुविधाओं को लौटाने के साथ सरकारी मकानों को 15 दिनों में खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। ग़ौरतलब है ज्यादातर हटाए गए अधिकारी को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अलग-अलग पदों पर ओएसडी के तौर पर नियुक्त किया था। हटाए गए ओएसडी में मेजर अमरदीप सिंह, एमपी सिंह, संदीप, गुरमेहर सिंह, बलदेव सिंह, जगदीप सिंह, राजेंद्र सिंह बाठ, अंकित बंसल, कर्मवीर सिंह, अमर प्रताप सिंह सेखों, गुरप्रीत सोनी डेसी, नरिंदर भांमरी का नाम शामिल है।
बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल
चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब के सीएम बन्ने के बाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हुसन लाल को पंजाब के मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हुसन लाल, निवेश संवर्धन, उद्योग, वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के प्रधान सचिव का पद संभाल रहे थे। उन्हें आईएएस अधिकारी तेजवीर सिंह की जगह पर नियुक्त किया गया है। ग़ौरतलब है कि पंजाब सरकार ने बड़ा फेरबदल करते हुए 9 भारतीय प्रशासनिक सेवा और दो पीसीएस अधिकारियों के विभागों में बदलाव करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में तीन अधिकारियों को तैनात किया गया है। सरकारी आदेश के मुताबिक वर्ष 2003 बैच के आईएएस अधिकारी कमल किशोर यादव को पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा उन्हें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव की भी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
CM ने की सचिवों की नियुक्ति
मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रधान सचिव साल 2013 बैच के आईएएस अधिकारी शौकत अहमद पारे को नियुक्त किया गया है। वहीं 2016 बैच के पंजाब लोक सेवा आयोग (पीसीएस) अधिकारी मनकंवल सिंह चहल को मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। रोजगार सृजन एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक आईएएस अधिकारी एचएस सूडान को पंजाब कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वर्ष 1994 बैच के आईएएस अधिकारी तेजवीर सिंह, जो इससे पहले मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे, उनको निवेश प्रोत्साहन, उद्योग और वाणिज्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव के रूप में तैनात किया गया है। गुरकीरत कृपाल सिंह को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले एवं रक्षा सेवा कल्याण विभाग में सचिव के पद पर तैनात किया गया है। आईएएस अधिकारी दिलीप कुमार को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। आईएएस अधिकारी मोहम्मद तैयब को पंजाब वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। आईएएस अधिकारी सुमीत जारंगल को सूचना और जनसंपर्क विभाग के निदेशक का प्रभार दिया गया है। आईएएस अधिकारी ईशा को मोहाली का उपायुक्त नियुक्त किया गया है।
प्रशासनिक अमले पर नियंत्रण की कवायद
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार ने चार्ज संभालते ही प्रशासनिक अमले पर नियंत्रण की कवायद शुरू कर दी है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की ओर से कैबिनेट की पहली बैठक में डिप्टी कमिश्नर समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सुबह नौ बजे कार्यालय पहुंचने का आदेश जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि इस व्यवस्था की कभी भी चेकिंग हो सकती है। सीएम के आदेश की असर फगवाड़ा में देखने को मिला। फगवाड़ा के एडीसी, एसडीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारी सुबह नौ बजे तक कार्यालय पहुंच चुके थे। हालांकि शहर में दो दिन से बारिश हो रही है लेकिन इस सबके बावजूद फगवाड़ा के प्रशासनिक अधिकारी समय से पहले ही अपने-अपने कार्यालय पहुंचे। आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के कार्यकाल में कांग्रेस के ही नेताओं ने अफसरों के दफ्तर आने के समय पर सवाल उठाया था। कई बार यह आरोप लगे कि सीनियर अधिकारी लोगों को मिलते ही नहीं हैं और लोगों को अपनी बात अफसरों तक पहुंचाने में समस्याएं आ रही हैं। विधायकों के अलावा कांग्रेस सीनियर नेता भी अधिकारियों की ओर से उनकी सुनवाई नहीं करने की बात कहते रहे हैं।
कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सीएम का चार्ज संभालते ही अधिकारियों-कर्मचारियों को सुबह नौ बजे कार्यालय में पहुंचने आदेश जारी किए है। जालन्धर में डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के अलावा ए.डी.सी., एस.डी.एम. और सेक्रेटरी आर.टी.ए. सहित कई उच्चाधिकारी तो वक़्त पर दफ़्तर पहुंचे लेकिन उनके अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों का ड्यूटी पर पहुंचने का सिलसिला 10 बजे के बाद भी जारी रहा। जालन्धर निगम के ज़्यादातर दफ़्तरों में हाज़री न के बराबर रही। बहुत से कर्मचारी देर से पहुंचने के बावजूद 5 बजने से पहले ही चले गए। प्रशासकीय कॉम्प्लेक्स स्टाफ में 19 लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया गया। हालांकि संबंधित अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की आज्ञा न मानने वाले कर्मचारियों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करने तथा उनके विरुद्ध बनती कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं लेकिन इसका फ़ायदा तभी होगा जब कार्रवाई कर दोषियों को'सजा' और दूसरों को'नसीहत'दी जाए। यह सिलसिला अगर पहले की तरह ही जारी रहा तो मुख्यमंत्री का आदेश एक फिजूल कवायद बन कर रह जाएगा। आदेशों का सख्ती से पालन करने से जहां कर्मचारियों में अनुशासन आएगा वहीं निर्धारित समय में कर्मचारियों के कार्यालयों में मौजूद रहेंगें। अपने रुके काम करवाने के लिए उनसे मिलने आने वाली जनता को भी परेशानी नहीं होगी।
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