पंजाब: CM चन्नी ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, किसानों के मुद्दे को लेकर तैयार की ये रणनीति
सीएम चन्नी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आपातकाल बैठक हुई, जिसमें किसानों के मुद्दे पर चर्चा की गई। पंजाब मंत्रिमंडल ने बैठक में किसानों के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया।
चंडीगढ़,
सितंबर
27,
2021।
पंजाब
विंधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
पंजाब
कांग्रेस
कमर
कस
चुकी
है।
पंजाब
के
नवनियुक्त
सीएम
चरणजीत
सिंह
चन्नी
शपथ
लेने
के
पहले
दिन
से
ही
एक्टिव
मोड
में
हैं
और
लगातार
कांग्रेसकी
ज़मीन
मज़बूत
करने
में
जुटे
हुए
हैं।
इसी
कड़ी
में
सोमवार
को
सीएम
चन्नी
की
अध्यक्षता
में
कैबिनेट
की
आपातकाल
बैठक
हुई,
जिसमें
किसानों
के
मुद्दे
पर
चर्चा
की
गई।
पंजाब
मंत्रिमंडल
ने
बैठक
में
किसानों
के
'भारत
बंद'
का
समर्थन
किया।
ग़ौरतलब
है
कि
सीएम
चन्नी
ने
कृषि
क़ानूनों
के
ख़िलाफ़
किसानों
के
विरोध
को
देखते
हुए
मंत्रिमंडल
के
साथ
इमरजेंसी
बैठक
बुलाई
थी।
सीएमओ
पंजाब
ने
जानकारी
देते
हुए
कहा
कि
किसानों
की
मांगों
के
लिए
हुए
बैठक
में
एक
अहम
प्रस्ताव
पारित
किया
गया।
CM चन्नी की अध्यक्षता में हुई बैठक
नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में हुई बैठक में फ़ैसला लिया गया कि पंजाब के मंत्री आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के घर जाकर पीड़ित परिवार को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। आपको बता दें कि कैबिनेट बैठक में सिर्फ किसानों के मुद्दे पर ही चर्चा हुई। इस दौरान किसान आंदोलन और भारत बंद का पंजाब सरकार ने समर्थन किया। आपको बता दें कि पंजाब कैबिनेट की अगली बैठक 1 अक्टूबर को होगी। वहीं कैबिनेट मंत्री राजकुमार बेरका ने कहा कि आज बैठक में कोई और एजेंडा नहीं था। सिर्फ किसानों के मुद्दे पर ही चर्चा की गई।चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह दूसरी कैबिनेट बैठक थी। इस बैठक में चन्नी कैबिनेट के सभी मंत्री मौजूद रहे। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशव्यापी भारत बंद का ऐलान किया था। कई राज्यों में बंद का काफी असर देखा गया।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख किसानों ने लौटाया
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलनकारियों को समर्थन देने आए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख को लौटाते हुए भारतीय किसान यूनियन के एक नेता प्रवीण मलिक ने कहा कि, यह सियासी मंच नहीं है। यहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। यदि किन्हीं को हमारे साथ खड़ा होना है..तो हम उनका धन्यवाद देंगे। मगर, हमने उन (दिल्ली कांग्रेस प्रमुख) से कहा है कि हम उन्हें बंद के दौरान उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं, लेकिन यह एक गैर-राजनीतिक विरोध और मंच है। इस बारे में हमने पहले घोषणा की थी कि, हम अपने मंच पर राजनीतिक दलों को अनुमति नहीं देंगे। इसलिए हमने उनसे अनुरोध किया कि वे हमारे धरना-स्थल से थोड़ी दूर पर विरोध करें। हम उनका विरोध नहीं कर रहे।
'कांग्रेस भी सड़कों पर उतरेगी'
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि, मैं उनकी स्थिति समझ सकता हूं। यह किसानों का मसला है। उनकी आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस भी सड़कों पर उतरेगी। और यदि किसान हमें यहां से जाने को कहेंगे तो हम वापस चले जाएंगे। हम यहां किसानों के लिए आए हैं, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया हुआ है। जहां-जहां धरनास्थल हैं..वहां मंच से किसान नेता अपनी मांगें गिना रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
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