चुनावी सीजन में पंजाब सरकार का फैसला- पराली जलाने और आंदोलन में शामिल किसानों पर दर्ज केस होंगे रद्द
चंडीगढ़, 18 नवंबर: पंजाब में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जिसको देखते हुए सभी दल तैयारियों में लगे हुए हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत खेतों में पराली या एग्रीकल्चर वेस्ट जलाने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएंगे। प्रदूषण को देखते हुए पंजाब में पराली जलाने पर रोक है। किसान लंबे वक्त से सरकार से इसमें छूट की मांग कर रहे थे।
32 यूनियनों के किसान नेताओं से मुलाकात के दौरान सीएम चन्नी ने कहा कि पराली जलाना पर्यावरण के लिए फायदेमंद नहीं है। ऐसे में किसान इसे जलाना बंद करें। अगर कोई इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं किसानों को दिक्कत ना हो, इसके लिए उन लोगों पर से केस वापस लिए जा रहे, जिन्हें पराली जलाते वक्त पकड़ा गया था। सीएम ने आगे कहा कि किसान आंदोलन शुरू होने के दौरान भी कई किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। उसे भी सरकार ने रद्द करने का फैसला किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से कांग्रेस को आगामी चुनावों में काफी फायदा होगा।
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इस
सीजन
में
कोई
केस
नहीं
पंजाब
में
बड़ी
संख्या
में
किसान
पराली
जलाते
हैं।
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
इस
सीजन
में
पराली
जलाने
के
67165
मामले
सामने
आए
हैं,
लेकिन
अभी
तक
किसी
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
नहीं
किया
गया।
इसके
अलावा
44,478
स्थानों
का
जायजा
लेकर
2.62
करोड़
जुर्माना
तो
लगाया
गया,
लेकिन
अभी
तक
एक
रुपये
की
वसूली
नहीं
हो
पाई
है।
हालांकि
पराली
के
मामले
में
सबसे
ज्यादा
सख्ती
2019
में
थी,
जहां
पर
1737
मामले
दर्ज
किए
गए।
इसके
बाद
2020
में
ये
संख्या
48
ही
रही।
राजनीतिक
विशेषज्ञों
के
मुताबिक
पंजाब
में
बड़ी
संख्या
में
किसान
वोटबैंक
है,
ऐसे
में
चुनाव
से
दो-तीन
महीने
पहले
सरकार
उन्हें
नाराज
नहीं
करना
चाहती
है।