पंजाब: मोहाली की अदालत से मजीठिया को झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
नई दिल्ली, 24 दिसंबर: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को मोहाली की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। शिअद नेता के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। जिस वजह से काफी वक्त से पंजाब की सियासत गरमाई हुई है। हालांकि उनकी पार्टी इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई बता रही है।

ये जमानत याचिका मजीठिया के वकील डी एस सोबती ने दायर की थी। कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी है। हालांकि आदेश की कापी अभी तक उन्हें नहीं मिली है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस आदेश के खिलाफ वो हाईकोर्ट का रुख करेंगे। वकीलों ने आरोप लगाया कि मजीठिया के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के लिए तीन महीने में तीन डीजीपी बदल दिए गए।
सीएम
ने
कही
ये
बात
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
की
अगुवाई
में
सरकार
ने
बिक्रम
मजीठिया
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
कराई।
ये
एफआईआर
मंगलवार
को
नारकोटिक
ड्रग्स
एंड
साइकोट्रोपिक
सब्सटेंस
एक्ट,
1985
की
धारा
25,
27
ए
और
29
के
तहत
मजीठिया
के
खिलाफ
दर्ज
की
गई।
जिसमें
कहा
गया
कि
बिक्रम
सिंह
मजीठिया
ने
सिंथेटिक
दवाओं
की
तस्करी
को
सुविधाजनक
बनाने
के
लिए
सरकारी
वाहनों,
सुरक्षा
और
आधिकारिक
मशीनरी
का
दुरुपयोग
किया
था।
मुख्यमंत्री
का
कहना
है
कि
इस
मामले
में
उचित
कार्रवाई
की
जाएगी।
अकाली
दल
का
मास्टर
स्ट्रोक,
मजीठिया
के
बाद
'माझे
दा
पुराना
जरनैल'
संभालेगा
मोर्चा
बादल
परिवार
से
है
रिश्ता
आपको
बता
दें
कि
उनके
ऊपर
केस
दर्ज
होने
के
बाद
से
बादल
परिवार
भी
सवालों
के
घेरे
में
है,
क्योंकि
मजीठिया
अकाली
नेता
और
सांसद
हरसिमरत
कौर
के
छोटे
भाई
हैं,
यानी
वे
पंजाब
के
पूर्व
डिप्टी
सीएम
सुखबीर
सिंह
बादल
के
साले
हैं।
इसी
वजह
से
इसे
अकाली
दल
बदले
की
कार्रवाई
बता
रहा
है।