पंजाब की नई आबकारी नीति में मान सरकार कर सकती है ऐसे बदलाव, 10000 करोड़ तक बढ़ाना है रेवेन्यू
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली नई सरकार पंजाब की नई आबकारी नीति को लेकर भी विचार कर रही है। जैसे दिल्ली में आप की सरकार ने आबकारी नीति के जरिए अपना राजस्व बढ़ाया, उसी प्रकार पंजाब में भी आप की सरकार द्वारा भी नई आबकारी नीति में ओपन कोटा सिस्टम लागू किया जा सकता है। यानी आप की सरकार में ही पहली बार दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में ओपन कोटा सिस्टम अपनाए जाने के आसार हैं।

गौरतलब है कि, अभी तक पंजाब में फिक्स कोटा सिस्टम लागू होता रहा है, जिसके तहत शराब के ठेकेदारों को फिक्स्ड कोटे में शराब उपलब्ध करवाई जाती रही है। इस प्रकार की व्यवस्था से पंजाब सरकार को हर साल 8 से 10% राजस्व बढ़कर मिला। मगर, अब मौजूदा मान सरकार की नजरें राजस्व में 30 से 35% बढ़ोतरी पर टिकी हुई हैं। दूसरी ओर अप्रैल से जून महीने तक सरकार को शराब की बिक्री से लगभग 16 से 17% का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
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सीधे शब्दों में कहें तो मान सरकार ने इतने सारे वादे पंजाब के लोगों से किए हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए सरकारी कोष में हजारों करोड़ रुपए अतिरिक्त चाहिए। ऐसे में मौजूदा सरकार इस आमदनी को 10,000 करोड़ तक ले जाना चाहती है। इससे पहले यानी कि पिछली सरकार के कार्यकाल में आबकारी नीति से लगभग 7500 करोड़ की आमदनी हुई थी। अब मौजूदा मान सरकार को 1 जुलाई से अपनी नई आबकारी नीति को लागू करना है। वहीं, मान सरकार के संभावित फैसले पर, मौजूदा शराब ठेकेदारों का मानना है कि अगर कड़े कदम भी उठाए जाएं तो भी यह आमदनी 8500 करोड़ तक रह सकती है। सरकार जहां एक तरफ शराब की गैर-कानूनी बिक्री को सख्ती से रोकना चाहती है, वहीं, दूसरी ओर ज्यादातर ठेकेदारों का मानना है कि गैर-कानूनी बिक्री पर तो पहले ही काफी नकेल कसी जा चुकी है। ज्यादा सख्त निर्णय लेने पर बुरा असर पड़ेगा। ऐसे में ठेकेदार सरकार के साथ बैठक करना चाहते हैं, ताकि दोनों ओर की बातचीत में कुछ सार्थक निकल सके।