विधानसभा चुनाव को लेकर आलाकमान की बढ़ रही मुश्किलें, क्या पंजाब में कांग्रेस खो देगी अपना वजूद ?
पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रण तैयार हो चुका है। सभी राजनीतिक नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बिलकुल भी नहीं चूक रहे हैं।
चंडीगढ,
अक्टूबर
22,
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
सियासी
रण
तैयार
हो
चुका
है।
सभी
राजनीतिक
नेता
एक
दूसरे
पर
आरोप-प्रत्यारोप
लगाने
से
बिलकुल
भी
नहीं
चूक
रहे
हैं।
कभी
पंजाब
कांग्रेस
प्रभारी
नवजोत
सिंह
सिद्धू
की
बातों
का
समर्थन
करते
हुए
नज़र
आ
रहे
हैं
तो
कभी
उनके
ख़िलाफ़
ही
बयानबाज़ी
कर
रहे
हैं।
वहीं
पंजाब
के
पूर्व
सीएम
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
ने
भी
कांग्रेस
पर
ज़ुबानी
हमला
बोला
है।
उन्होंने
कांग्रेस
की
धर्मनिरपेक्षता
पर
सवाल
उठाते
हुए
कहा
कि
कांग्रेस
धर्मनिरपेक्षता
की
बात
करने
वाली
कोई
नहीं
होती
है।
पंजाब
के
पूर्व
सीएम
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
ने
40
साल
से
ज़्यादा
वक़्त
कांग्रेस
को
देने
के
बाद
अब
कांग्रेस
के
ख़िलाफ़
ही
मोर्चा
खोल
दिया
है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की रणनीति
नई सियासी पार्टी बनाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं और धीरे-धीरे कांग्रेस की सियासी पकड़ को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए वह लगातार कांग्रेस पार्टी पर ज़ुबानी हमले कर रहे हैं। उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सेकुलरिज्म पर बोलने वाले वह कोई नहीं होते हैं। कैप्टन महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत भाजपा और आरएसएस के नेताओं को पार्टी में शामिल करने की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस पर हमला किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ़ से की गई तल्ख टिप्पणी कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत के ऊपर थी।
सिद्धू पर कैप्टन ने साधा निशाना
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब का नेतृत्व करने का सिद्धू सपना देखते हैं। अगर ऐसा कभी होता है तो कितना भयानक होगा। आपको बता दें कि हरीश रावत ने एक दिन पहले कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा था कि ''पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अगर धर्मनिरपेक्षता के लिए अपनी पुरानी प्रतिबद्धता के साथ नहीं रह सकते हैं तो उन्हें कोई भी नहीं रोक सकता है'' ग़ौरतलब है कि हरीश रावत ने यह बयान कैप्टन अमरिंदर सिंह के नई पार्टी बनाने और बीजेपी से संभावित गठबंधन करने के ऐलान के बाद आया था। गुरुवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर कैप्टन के हवाले से लिखा कि,''हरीश रावत जी, सेक्युलरिज्म के बारे में बोलना बंद कर दीजिए। यह मत भूलिए कि कांग्रेस ने सिद्धू को तब लिया जब वह 14 सालों तक बीजेपी के साथ थे।
कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ किए गए कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ क्या कर रही है ? या फिर तथाकथित कम्युनल फोर्सेज के साथ तब तक शामिल होना ठीक है, जब तक वह कांग्रेस के मुताबिक हो? यह सरासर राजनीतिक अवसरवाद नहीं तो और क्या है ? ग़ौरतलब है कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1 महीने पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफ़ा के बाद से वह लगाता कांग्रेस और उनके नेताओं पर निशाना साध रहे हैं। वहीं अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया जिसके बाद भी पंजाब कांग्रेस के हालात नहीं सुधरे और पार्टी में घमासान लगातार जारी रहा।
कांग्रेस नेतृत्व की बढ़ रही मुश्किलें
नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम चन्नी के फ़ैसले पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था हालांकि आलाकमान के साथ हुई बैठक के बाद सिद्धू के इस्तीफ़े को नामंजूर कर दिया गया। बावजूद इसके नवजोत सिंह सिद्धू अपने तेवर पर बरक़रार हैं। पंजाब को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। इसी बाबत हरीश रावत ने सार्वजनिक तौर पर पंजाब प्रभारी का पद छोड़ने की मांग की है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आलाकमान को नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस के पद से दिए गए इस्तीफ़ा को मंज़ूर कर लेना चाहिए था, इससे हाईकमान का स्पष्ट संदेश जाता।
ये भी पढ़ें: पंजाब विधानसभा चुनाव: हरसिमरत बादल के निशाने पर कैप्टन, लगाए गंभीर आरोप