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चन्नी को CM बने हुए 1 माह पूरे, इस एक महीने में कैसे रहे पंजाब कांग्रेस के हालात, इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस भी अपनी सियासी पकड़ मज़बूत करने के लिए पार्टी में पैदा हुए सियासी घमासान को शांत करने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया। आज चरणजीत चन्नी को शपथ लिए हुए एक महीना पूरा हो रहा है।

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चंडीगढ़, अक्टूबर 20, 2021। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दिन क़रीब आ रहे हैं। इस बाबत सभी सियासी दल तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं कांग्रेस भी अपनी सियासी पकड़ मज़बूत करने के लिए पार्टी में पैदा हुए सियासी घमासान को शांत करने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया। आज चरणजीत चन्नी को शपथ लिए हुए एक महीना पूरा हो रहा है। इस दौरान कांग्रेस में किस तरह के हालात पैदा हुए, क्या फ़ैसले लिए गए इन सब पहलु से आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था जिसके बाद पंजाब कांग्रेस ने ट्रंप कार्ड खेलते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया।

CM के 1 महीने का कार्यकाल

CM के 1 महीने का कार्यकाल

कांग्रेस आलाकमान ने यह सोचा था कि चन्नी को सीएम बनाने के बाद पार्टी के हालात सुधर जाएंगे लेकिन हक़ीक़त में कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया। कुछ दिनों तक तो पंजाब कांग्रेस की स्थिति सामान्य भी हो गई थी लेकिन इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपने पुराने तेवर में आते हुए अपने ही सरकार पर निशाना साधने लगे। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने इस एक महीने के कार्यकाल में जनता के हितों के लिए फ़ैसले तो कई लिए लेकिन पंजाब कांग्रेस में सचे घमासान पर क़ाबू नहीं कर सके। सियासी ऐतबार से देखा जाए तो नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चन्नीक के लिए बड़ी चुनौती बने रहे। विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सीएम चन्नी कई फ़ैसलों को अमलीजामा तो पहना रहे हैं लेकिन अभी भी उनके सामने कई चुनौतियां हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफ़ा

कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफ़ा

नवजोत सिंह सिद्धू जिन तीन मुद्दों को लेकर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर कर दिया, उन्हीं मुद्दों पर सीएम चन्नी ने अभी तक कोई भी क़दम नहीं उठाए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस तरह से सीएम चन्नी के नियुक्ति वाले फ़ैसले तेवर तल्ख किया और इस्तीफ़ा दे दिया। हालांकि आलाकमान के साथ बैठक के बाद सिद्धू का इस्तीफ़ा नामंजूर कर दिया गया, इसके बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू ने 13 सूत्रीय एजेंडे को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा। इससे ज़ाहिर होता है कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने तेवर को बरक़रार रखेंगे जोकि सीएम चन्नी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

कैबिनेट की बैठकों में कई अहम फ़ैसले

कैबिनेट की बैठकों में कई अहम फ़ैसले

चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अभी तक कैबिनेट की पांच बैठकें की हैं। बैठकों में कई अहम फ़ैसले लिए गए, इनमें 2 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं का बकाया बिल माफ, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल के लिए हर महीने सिर्फ़ 50 रुपये देने होंगे, लाल डोरा के तहत आने वाले परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिलवाया जाएगा। वहीं फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों की भर्ती का भी फ़ैसला लिया गया। इन फ़ैसलों के ज़रिए सीएम चन्नी पंजाब की जनता को यह संदेश दे रहे हैं कि उनकी सरकार जनता के हक़ में फ़ैसले ले रही है। जिन मुद्दों को लेकर पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान मचा, पंजाब के मंत्रियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में बगावत की थी उन मुद्दों पर अभी तक कोई सटिक कार्रवाई नहीं की गई है। बेअदबी,नशा और निजी थर्मल प्लांटों के साथ हुए समझौतों पर चन्नी सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

CM चन्नी के लिए सिद्धू चुनौती

CM चन्नी के लिए सिद्धू चुनौती

चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बन्ने के बाद अपने किरदार से जिस तरह लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। वहीं उनके सामने कई ऐसे मुद्दे हैं जो कि चुनौतियों का सबब बन सकती है। एडवोकेट जनरल और कार्यकारी डीजीपी की नियुक्ती पर नवजोत सिंह सिद्धू कड़ा एतराज़ जताते हुए सीएम चन्नी के फ़ैसले का विरोध किया और इस्तीफ़ा दिया उससे पंजाब से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ गया था। सिद्धू के साथ सब कुछ ठीक का भले ही पंजाब कांग्रेस दावा कर रही है लेकिन कहीं न कहीं नवजोत सिंह सिद्धू की नाराज़गी बरक़रार है। सिद्धू ने इस्तीफ़ा वापस लेने के बाद चिट्ठी ट्वीट कर इस बात को साफ़ कर दिया है वह अपने किरदार से समझौता नहीं करने वाले है। सिद्धू और चन्नी विवाद आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्ष को फ़ायदा पहुंचा सकती है। क्योंकि पंजाब की जनता को यह संदेश जा रहा है कि सरकार और पार्टी दोनों के विचार एक दूसरे से विपरीत हैं।


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English summary
charanjit singh channi completed one as chief minister of punjab, how was the condition of Punjab Congress in this one month
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