पंजाब: भारतीय जनता पार्टी की एक और ट्रंप कार्ड, इस तरह से तैयार की चुनावी रणनीति
पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी में भाजपा ने चंडीगढ़ में जिला स्तरीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का आयोजन किया।
चंडीगढ़, अक्टूबर 28, 2021। पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी में भाजपा ने चंडीगढ़ में जिला स्तरीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन के दैरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'नवां पंजाब, भाजपा दे नाल नारे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा भ्रष्टाचार और माफिया मुक्त खुशहाल पंजाब बनाने के संकल्प के साथ चुनाव में उतरेगी। नया पंजाब भाजपा के साथ के नारे के साथ कार्यकर्ता लोगों तक पहुंचेंगे। पंजाब के हर वर्ग को उसकी आबादी के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी दी जाएगी।
विपक्षी दलों पर निशाना
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि पंजाब की जनता शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से ना उम्मीद हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी ही पंजाब की जनता की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ और राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। किसानों के फायदे के लिए ही केंद्र सरकार ने भूमि सुधार, उपज बढ़ने और उनकी आमदनी के अलग-अलग साधन बनाने पर जोर देने जैसा क़दम उठाया है। भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती है कि एक भी अन्नदाता नाराज हो, इसलिए केंद्र सरकार के बातचीत के दरवाजे खुले हैं। किसान बता के लिए आगे आएं और मुद्दे का हल निकालने की कोशिश करें।
Punjab
Elections
2022:
आप
की
चल
रही
है
सिद्धू
से
बात,
अकाली
दल-बसपा
में
मची
तकरार
117
सीटों
पर
चुनाव
लड़ेगी
भाजपा
गजेंद्र
सिंह
शेखावत
ने
कहा
कि
भाजपा
पंजाब
में
सभी
117
सीटों
पर
चुनाव
के
लिए
तैयार
है।
पार्टी
ने
सभी
सीटों
पर
अपने
प्रमुख
नेताओं
को
इंचार्ज
लगाया
है।
हर
सीट
पर
बूथ
लेवल
पर
संगठन
को
और
मजबूत
करने
का
काम
चल
रहा
है।
पार्टी
को
सभी
वर्गों
का
समर्थन
मिल
रहा
है।
उन्होंने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
और
भाजपा
कृषि
कानूनों
के
मुद्दे
के
प्रति
पूरी
तरह
से
संवेदनशील
हैं
और
गंभीरता
से
इस
मुद्दे
के
हल
के
लिए
प्रयास
कर
रही
है।
सरकार
द्वारा
किसान
संगठनों
के
साथ
कई
दौर
की
बातचीत
हो
चुकी
है।
किसान
संगठनों
द्वारा
उठाये
गए
मुद्दों
के
आधार
पर
सरकार
कानूनों
में
संशोधन
करने
के
लिए
भी
तैयार
है।
ये
भी
पढ़ें:
कैप्टन
की
पार्टी
से
पंजाब
में
बदल
सकते
हैं
सियासी
समीकरण,
जानिए
किस
तर्ज़
पर
होगा
पार्टी
का
गठन
?