गर्भपात कर हॉस्पिटल के अंदर बने चेंबर में फेंके जाते थे भ्रूण, पुलिस ने किया पर्दाफाश
Maharashtra news, पुणे। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में गर्भपात कर बच्चे को चेंबर में फेंकने वाले डॉक्टर का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मदर केयर हॉस्पिटल का यह मामला सामने आया है। पुलिस ने महानगरपालिका की टीम के साथ मिलकर हॉस्पिटल में खुदाई कर इस घटना का खुलासा किया है। इस खुदाई में चार चेंबर मिले हैं, जिसमें गर्भ को फेंका जाता था। हर कमरे में एक चेंबर पाया गया है। इस चेंबर को 12 इंच पाइप जोड़कर मेन ड्रेनेज में जोड़ा गया था।
महिला डॉक्टर भी गिरफ्तार
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार नाचनवेल स्थित सरकारी वैद्यकीय अधिकारी और एपीआई कॉर्नर स्थित मदर केअर हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करने वाली डॉ. वर्षा सरदारसिंह शेवगण उर्फ अंजली अजय राजपूत (38) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने महिला डॉक्टर को कोर्ट में पेश किया था, कोर्ट ने 7 फरवरी तक पुलिस कस्टडी सुनायी है।
भ्रूण का लिंग जांचने के लिए डॉक्टर लेते थे 15 हजार
जानकारी के अनुसार गर्भ में बच्चा लड़का है या लड़की यह बताने के लिए 15000 रुपए लेने वाले डॉ. सूरज राणा का मनपा के चिकित्सक अधिकारियों ने 23 जनवरी को पर्दाफाश किया था। इस मामले में उस्मानपुरा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस अधिक जांच कर रही थी जिसमें चौंका देने वाला मामला सामने आया कि डॉक्टर गर्भपात कर भ्रूण को चेंबर में फेंक दिया जाता है। डॉ. सूरज के हॉस्पिटल में गर्भ की जांच की जाती थी और जांच करने के बाद गर्भपात करने की प्रक्रिया शेवगण के हॉस्पिटल में की जाती थी। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने छापा मारकर यह कार्रवाई की।
पुलिस ने की छापेमारी
डॉ. सूरज के हॉस्पिटल में गर्भ की जांच की जाती थी और जांच करने के बाद गर्भपात करने की प्रक्रिया शेवगण के हॉस्पिटल में की जाती थी। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने छापा मारकर यह कार्रवाई की। इस मामले में राणा सहित उनका ड्राइवर गणेश गोडसे, गर्भपात करने के लिए लाई महिला के रिश्तेदार जगन्नाथ हिवाले, ज्ञानेश्वर सांडू लोंढे, राहुल गोरे ऐसे पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी फिलहाल हर्सूल जेल में हैं।