'साहब! मेरे खाने का सामान कुत्ते खा जाते हैं, मुझे रहने के लिए छत दे दो'
प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ में एक दिव्यांग महिला पिछले कई महीनों से प्रधानमंत्री आवास के लिए दर-दर भटक रही है। महिला का नाम राजकली है और वह बचपन से ही दोनों आंखों से नहीं देख सकती। मदद की गुहार लगाने डीएम कार्यालय पहुंची महिला ने अपन दर्द बयां करते हुए बताया कि उसके खाने तक का सामान कुत्ते खा जाते हैं, क्योंकि उसके पास घर नहीं है।
गांव में झोपड़ी बनाकर रहती है महिला
प्रतापगढ़ के सदर ब्लॉक के इसीपुर खूंटाघाट की रहने वाली दिव्यांग राजकली जिलाधिकारी की चौखट पर मदद की गुहार लगाने पहुंची। महिला के मां-बाप की पहले ही मौत हो चुकी है और भाई ने पल्ला झाड़ लिया। दोनों आंखों से मजबूर राजकली अब अकेली ही गांव में झोपड़ी बनाकर रहती है।
'मेरा खाने का सामान कुत्ते खा जाते हैं'
महिला ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया, ''साहब, मेरा खाने का सामान कुत्ते खा जाते हैं, क्योंकि हमारे पास घर नहीं, झोपड़ी है।'' महिला ने बताया कि वह दूसरों की मदद से डंडे के सहारे कहीं भी जाती है। बता दें, महिला के पास सदर विधायक संगमलाल गुप्ता के नाम आवास के लिए लिखी दरखास्त में लिखा अपना दर्द और दिव्यांग प्रमाणपत्र है, लेकिन जिलाधिकारी से भी नहीं मिल सकी और उनकी चौखट से भी आज निराश लौटना पड़ा।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में सीडीओ धीरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि राजकली को शौचालय दे दिया गया है, जिसका दो-एक दिन में काम शुरू हो जाएगा। वृद्धा पेंशन दे दी गई है। सूची में नाम न होने के चलते आवास नहीं दिया गया। नई सूची में नाम डाल दिया गया है।