पीलीभीतः भाजपा विधायक के खिलाफ कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश, जिलाधिकारी के गनर से की थी मारपीट
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के बरखेड़ा विधानसभा से भाजपा विधायक किशनलाल राजपूत उनके भांजे ऋषभ समेत 16 नामजद और 40 अज्ञात समर्थकों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। डीएम के गनर रहे मोहित गुर्जर की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) विवेक कुमार ने सुनगढ़ी पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करके 15 दिन के भीतर एफआईआर की कॉपी न्यायालय भेजने को कहा है।
मुजफ्फरनगर के कटिया गांव निवासी सिपाही मोहित कुमार गुर्जर ने प्रार्थना पत्र में बताया है कि उसकी तैनाती डीएम पीलीभीत के गनर के तौर पर थी। उसी दौरान उसने एक बाइक राहुल नाम के युवक से परिचित निरंजनकुंज कॉलोनी निवासी पुनीत गंगवार के माध्यम से खरीदी थी। कई बार कहने के बाद भी जब उसके नाम पर कागजात ट्रांसफर नहीं कराए तो उसने राहुल को बाइक वापस कर दी। बीते 12 सितंबर (2019) की रात को राहुल ने पीड़ित को रुपये लौटाने के लिए नवीन मंडी समिति गेट के पास बुलाया। इस पर मोहित अपने परिचित पुनीत गंगवार के साथ वहां पहुंचा।
मौके पर राहुल के साथ विधायक बरखेड़ा किशनलाल राजपूत का भांजा रामअवतार उर्फ ऋषभ और अन्य लड़के भी मौजूद थे। रुपये वापस मांगने पर ऋषभ ने राहुल का पक्ष लेते गालियां देते हुए पीटना शुर कर दिया। इसके बाद ऋषभ ने जानलेवा हमले के लिए फायर भी किया। इसके बाद सोने की चेन और पर्स छीन लिया। किसी तरह जान बचाकर वह (मोहित) असम रोड पुलिस चौकी पहुंचा। पीछे से हमलावर भी आ गए। फोन कर विधायक किशनलाल राजपूत को भी चौकी बुला लिया। सभी ने मारपीट की। ऋषभ ने चौकी परिसर में ही गला दबाकर जान लेने की कोशिश की।
अधिकारी-पुलिसकर्मी विधायक की हनक के चलते के बेबस बने रहे। वहीं आरोप है कि मारपीट के बाद सत्ता के दबाव में उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराकर मोहित को जेल भेज दिया। वहीं उसकी ओर से दी गई तहरीर पर उसके ही विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। एसपी को 26 सितंबर को डाक से प्रार्थना पत्र भेजा फिर भी सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार 28 सितंबर को सिपाही ने कोर्ट की शरण ली। इसके बाद अब विधायक बरखेड़ा समेत 16 नामजद, 40 अज्ञात पर एफआईआर के आदेश किए हैं।