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Bihar: मक्का की जेलों में सिसक रहे दो दर्जन युवक, ख़ामोश है 'नई सरकार'

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पटना। बिहार के जिम्मेदारों को भले ही राजनीति से फुर्सत ना हो पर कुछ किस्से हैं जो ना सिर्फ राजनीति पर बल्क‍ि इंसानियत पर भी सवाल खड़ा कर देते हैं। सउदी अरब के मक्का शहर की जेलों में कैद बिहार के दो दर्जन युवकों समेत 40 भारतीयों की रिहाई करीब एक साल बाद भी नहीं हो सकी है।

इनमें सारण जिले के भी चार यवक शामिल हैं। इनमें अफसर अली, महफूज आलम, नसीम अहमद और मोहसिन अली भी शामिल हैं। इन सभी के परिजन यूपीए-2 की पिछली सरकार से लेकर मोदी सरकार तक के कई मंत्रियों व सांसदों से प्रार्थनाएं कर थक गये हैं। बीते दिनों परिजनों का प्रतिनिधिमंडल जेडीयू सांसद अली अनवार के नेतृत्व में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर सउदी अरब में बंद अपने बच्चों की रिहाई की मांग एक बार फिर उठाई थी।

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सारण निवासी व सउदी की जेल में बंद अफसर अली के पिता सफदर अली व अन्य कैदियों के परिजनों ने बताया कि लगभग 35 लोग बीते जून से ही दिल्ली में मौजूद हैं। सभी लोग मिलकर भारत सरकार के मंत्रियों से लगातार गुहार लगा रहे हैं। अफसोस इस पर किसी भी तरह का सक्रिय कदम नहीं उठाया गया है।

परिजनों की पुकार है कि सउदी न्यायालय द्वारा जितने समय की सजा इन लोगों को दी गई थी, उतना समय सभी ने जेल में गुजार लिया है। फिर भी अब तक जेल से रिहा नहीं किया जाना मानवाधिकार का उल्लंघन है। पिछले दिनों मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने भी सउदी प्रिंस अब्दुल्लाह के समक्ष दिल्ली प्रवास के दौरान इस विषय को उठाया था पर रास्ता नहीं निकल पाया है।

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English summary
Some man of Bihar are jailed in Saudi Arabia allegedly invalid
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